क्या उत्तरकाशी आपदा के बाद प्रशासन की मदद से पर्यटक सुरक्षित घर जा रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- उत्तरकाशी में आई आपदा ने पर्यटकों को प्रभावित किया।
- प्रशासन ने राहत कार्य में तत्परता दिखाई।
- सुरक्षित निकासी के लिए हेलीकॉप्टर सेवा का उपयोग किया गया।
- स्थानीय लोगों ने पर्यटकों की सहायता की।
- आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य जारी है।
ऋषिकेश, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के धारावी में बादल फटने के कारण आई भयंकर आपदा ने पूरे देश को झकझोर कर दिया है। यहां विभिन्न राज्यों के अनेक पर्यटक फंसे हुए हैं, जिनके सुरक्षित निकासी के लिए प्रशासन पूरी तरह से जुटा हुआ है।
मध्य प्रदेश के पर्यटक संजय चौहान ने रविवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "5 अगस्त को प्रशासन ने हमें गंगोत्री धाम में रोक दिया था। प्रशासन ने बताया कि धराली गांव में बादल फटने के कारण मलबा आ गया है, जिससे सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गया है।"
उन्होंने प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं की प्रशंसा करते हुए कहा, "प्रशासन ने 3 दिनों तक गंगोत्री धाम में ठहरने और खाने की व्यवस्था की। इसके बाद हमें कड़ी सुरक्षा के बीच हर्षिल तक पहुंचाया गया। वहां से हेलीकॉप्टर द्वारा देहरादून एयरपोर्ट लाया गया, और प्रशासन ने हमें ऋषिकेश सुरक्षित पहुंचाया।" उन्होंने आपदा में इस सहयोग के लिए प्रशासन को धन्यवाद दिया।
पंजाब के पर्यटक प्रत्यक्षदर्शी बंटी ने बताया, "मैं गंगोत्री की पैदल यात्रा करके दर्शन करने गया था। लौटते समय धराली से 4 किलोमीटर नीचे उतर रहा था, तभी मैंने पहाड़ से तेजी से बहाव आते हुए देखा। स्थानीय लोगों ने कहा कि आप यात्री हैं, तुरंत निकल जाइए।" आगे जाकर देखा तो धराली गांव मलबे में दब गया था। प्रशासन और अधिकारियों ने हमारी बहुत मदद की।
यह उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में 5 अगस्त को बादल फटने से अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने व्यापक तबाही मचाई। हादसे के बाद पुलिस प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। मलबे में दबे ध्वस्त भवनों और लापता व्यक्तियों के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।