क्या वाराणसी में गंगा का जलस्तर घटने के बाद घाटों की सफाई तेज़ हो गई?

सारांश
Key Takeaways
- गंगा का जलस्तर घटने पर घाटों की सफाई तेज़ हुई।
- श्रद्धालुओं को स्नान में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
- नगर निगम और गंगा सेवा निधि मिलकर सफाई कार्य कर रहे हैं।
- महिलाओं और बुजुर्गों के लिए सफाई कार्य को प्राथमिकता दी जा रही है।
- गंगा की स्वच्छता का महत्व सभी के लिए है।
वाराणसी, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। यूपी के वाराणसी में गंगा का जलस्तर लगातार तेजी से घटने के कारण घाटों पर सफाई अभियान शुरू कर दिया गया है। जलस्तर कम होने से घाटों की सीढ़ियों पर मिट्टी और गंदगी की मोटी परत जम गई है, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को स्नान एवं दर्शन में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
विश्व प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट पर, जहां प्रतिदिन भव्य गंगा आरती का आयोजन होता है, वहां आरती टीम मिट्टी हटाने और सीढ़ियों की धुलाई में जुटी हुई है। इसी तरह अस्सी घाट और अन्य प्रमुख घाटों पर नगर निगम की टीमें सक्रिय होकर जमा मिट्टी एवं कचरे को साफ करने का कार्य कर रही हैं, ताकि आने वाले श्रद्धालुओं को स्वच्छ वातावरण मिल सके और वे गंगा स्नान का पूर्ण आनंद ले सकें।
गंगा सेवा निधि के सदस्य पंडित राजू झा ने रविवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से खास बातचीत में बताया कि मां गंगा का जलस्तर तेजी से कम हो गया है। पिछले तीन दिनों में 15 फीट से अधिक पानी कम हो चुका है। जल घटने से घाटों पर मिट्टी का ढेर जमा हो गया है, जिससे लोगों को स्नान करने में काफी परेशानी हो रही है। गंगा सेवा निधि के नेतृत्व में पूरी टीम युद्धस्तर पर घाटों की सफाई में जुटी है।
उन्होंने आगे कहा कि सफाई का कार्य तेजी से चल रहा है और निधि के सभी कार्यकर्ता इस कार्य में लगे हुए हैं। खासकर महिलाओं और बुजुर्गों को स्नान करने में सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है, इसलिए सफाई कार्य को प्राथमिकता दी जा रही है।
गौरतलब है कि बीते दिनों गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा था, जिससे वाराणसी के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया था। गंगा का जलस्तर 70.28 मीटर तक पहुंच गया था। स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिविजनल कमिश्नर और जिलाधिकारी से बात कर बाढ़ की ताजा स्थिति की जानकारी ली थी।
केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार, वाराणसी में गंगा का चेतावनी स्तर 70.262 मीटर है, जबकि खतरे का स्तर 71.262 मीटर है, और उच्च बाढ़ स्तर 73.901 मीटर पर अंकित है।