क्या उत्तरकाशी के बलिगढ़ में बादल फटने से आठ लोग लापता हो गए?

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क्या उत्तरकाशी के बलिगढ़ में बादल फटने से आठ लोग लापता हो गए?

सारांश

उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना ने सभी को चौंका दिया है। आठ लोग लापता हैं और बचाव कार्य जारी है। जानें इस घटना के बारे में और जानकारी।

Key Takeaways

  • उत्तरकाशी में बादल फटने से आठ लोग लापता हुए हैं।
  • बचाव कार्य जारी है।
  • राज्य में भारी बारिश के कारण कई क्षेत्रों में नुकसान हुआ है।
  • प्रशासन ने चेतावनी जारी की है।
  • नदी किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने का आग्रह किया गया है।

उत्तरकाशी, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के बड़कोट-यमुनोत्री मार्ग पर रविवार रात को बादल फटने की एक घटना में आठ लोग लापता हो गए हैं। इस बात की पुष्टि अधिकारियों ने सोमवार को की।

जिला आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के बचाव दल तथा स्थानीय पुलिस राहत और बचाव कार्य के लिए मौके पर तैनात हैं।

बताया गया है कि लापता लोग मजदूर थे, जो एक होटल के निर्माण स्थल पर कार्यरत थे। बादल फटने के समय होटल को गंभीर नुकसान पहुंचा है। यह घटना क्षेत्र में हो रही भारी बारिश के चलते हुई।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार और सोमवार के लिए पहाड़ी राज्य में रेड अलर्ट जारी किया है। इस चेतावनी में कई स्थानों पर गरज और बिजली के साथ भारी से अत्यधिक भारी बारिश की संभावना जताई गई है।

बादल फटने के अलावा, राज्यभर में लगातार बारिश के कारण व्यापक नुकसान हुआ है। नंदप्रयाग और भनेरोपानी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गए हैं, जबकि रुद्रप्रयाग जिले के अधिकारियों को भूस्खलन और मलबा गिरने के कारण सोनप्रयाग-मुनकटिया मार्ग पर आवाजाही रोकनी पड़ी।

यह मार्ग केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। सोनप्रयाग शटल पुल और मुनकटिया स्लाइडिंग जोन के पास इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया है, जिससे तीर्थयात्रियों को उनकी सुरक्षा के लिए सोनप्रयाग और गौरीकुंड में अस्थायी रूप से रोकना पड़ा है।

यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी सिलाई बैंड के पास दो से तीन स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है। एनएच बड़कोट के अधिकारियों को अवरोध के बारे में सतर्क कर दिया गया है। इसके अलावा, स्यानाचट्टी के पास एक नाले में मलबा जमा होने के कारण यमुना नदी का प्रवाह बाधित हो गया है, जिससे क्षेत्र के निचले इलाकों में स्थित होटलों के लिए खतरा बढ़ गया है। राज्य के कई जिलों में भारी बारिश हो रही है, जिनमें चमोली, पौड़ी, देहरादून और रुद्रप्रयाग शामिल हैं। यहाँ भूस्खलन के कारण कई संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं।

नदियों में जलस्तर में वृद्धि के चलते प्रशासन ने नदी किनारे रह रहे लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियाँ बरतने की सलाह दी है।

Point of View

हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि प्राकृतिक आपदाएं हमारे जीवन पर कितना प्रभाव डाल सकती हैं। सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों को सराहा जाना चाहिए।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

बादल फटने का कारण क्या था?
यह घटना क्षेत्र में हुई भारी बारिश के कारण हुई।
लापता लोग कौन थे?
लापता लोग होटल के निर्माण में कार्यरत मजदूर थे।
बचाव कार्य में कौन-कौन शामिल है?
बचाव कार्य में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और स्थानीय पुलिस शामिल हैं।
क्या और क्षेत्रों में नुकसान हुआ है?
हाँ, नंदप्रयाग और भेनरोपानी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हुए हैं और अन्य क्षेत्रों में भी भूस्खलन की घटनाएँ हुई हैं।
क्या प्रशासन ने कोई चेतावनी जारी की है?
हाँ, प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और सावधानी बरतने की सलाह दी है।