क्या वैकुंठ एकादशी उत्सव की तैयारी तेज हो गई है, 5 दिन पहले टोकन बुक करना होगा?

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क्या वैकुंठ एकादशी उत्सव की तैयारी तेज हो गई है, 5 दिन पहले टोकन बुक करना होगा?

सारांश

तिरुमाला में वैकुंठ एकादशी उत्सव की तैयारी तेज हो गई है, भक्तों को टोकन बुक करने की सलाह दी गई है। यह उत्सव विशेष महत्व रखता है और पापों से मुक्ति का अवसर प्रदान करता है। जानें इसकी विशेषताएँ और दर्शन के लिए टोकन कैसे बुक करें।

Key Takeaways

  • वैकुंठ एकादशी उत्सव 30 दिसंबर से 8 जनवरी तक चलेगा।
  • टोकन बुकिंग ऑनलाइन है।
  • पहले तीन दिन में टोकन लेना अनिवार्य है।
  • 1.89 लाख श्रद्धालुओं को दर्शन का अवसर मिलेगा।
  • दर्शन के लिए टोकन नहीं मिलने पर भी 2 से 8 जनवरी तक दर्शन कर सकते हैं।

तिरुमाला, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। तिरुपति बालाजी मंदिर में तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने वैकुंठ एकादशी उत्सव की तैयारी को तेज कर दिया है।

मंदिर प्रशासन ने भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दर्शन को दो चरणों में विभाजित कर दिया है। पिछले वर्ष की तरह, इस साल भी दर्शन के लिए टोकन लेना अनिवार्य होगा। टोकन की व्यवस्था ऑनलाइन की गई है।

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के कार्यकारी अधिकारी अनिल कुमार सिंघल ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "30 दिसंबर से 8 जनवरी तक चलने वाले 10 दिवसीय वैकुंठ एकादशी उत्सव के लिए सभी व्यवस्थाएं पिछले वर्ष के श्रद्धालुओं के अनुभव के आधार पर की गई हैं। टीटीडी बोर्ड ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण दर्शन की दो अलग-अलग प्रणालियों की शुरुआत करना है।"

उन्होंने बताया कि पहले तीन दिनों यानी 30 दिसंबर, 31 दिसंबर और 1 जनवरी को ऑनलाइन टोकन लेने की व्यवस्था शुरू की गई है, जिसमें टोकन के लिए पांच दिन का समय दिया जाएगा। इस प्रणाली के तहत 1.89 लाख श्रद्धालुओं को एक समय सीमा के साथ दर्शन करने का अवसर मिलेगा। 2 जनवरी के बाद दूसरे चरण में भी टोकन की व्यवस्था रहेगी। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि टोकन की समय-सारणी के साथ मंदिर में दर्शन के लिए आएं, जिससे भीड़ को व्यवस्थित किया जा सके।

जिन श्रद्धालुओं को शुरुआती तीन दिन में टोकन नहीं मिल पाया है, वे 2 जनवरी से लेकर 8 जनवरी तक भगवान विष्णु के दर्शन कर सकते हैं।

तिरुपति में वैकुंठ एकादशी एक विशाल और आध्यात्मिक उत्सव है। 10 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में भक्त पापों से मुक्ति पाने और मंदिर में मौजूद वैकुंठ द्वार के दर्शन के लिए आते हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे पाप धुल जाते हैं और मोक्ष प्राप्त होता है। इस उत्सव में विशेष दर्शन होते हैं और भक्त "गोविंदा... गोविंदा" का जाप करते हैं। मंदिर को भव्य तरीके से फूलों से सजाया जाता है और भगवान वेंकटेश्वर अद्भुत रूप में भक्तों को दर्शन देते हैं।

Point of View

जो इस बात का प्रमाण है कि यह उत्सव हमारी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं को मजबूत बनाता है।
NationPress
28/12/2025

Frequently Asked Questions

वैकुंठ एकादशी उत्सव कब से कब तक चलता है?
यह उत्सव 30 दिसंबर से 8 जनवरी तक चलता है।
टोकन कैसे बुक करना है?
टोकन बुकिंग की प्रक्रिया ऑनलाइन है और पहले तीन दिनों में की जाएगी।
दर्शन के लिए कितने श्रद्धालुओं को अनुमति है?
1.89 लाख श्रद्धालुओं को एक समय सीमा के साथ दर्शन करने का मौका मिलेगा।
क्या टोकन की आवश्यकता है?
हाँ, दर्शन के लिए टोकन लेना अनिवार्य है।
क्या टोकन नहीं मिलने पर भी दर्शन हो सकते हैं?
हां, जिन श्रद्धालुओं को पहले तीन दिन में टोकन नहीं मिला है, वे 2 से 8 जनवरी तक दर्शन कर सकते हैं।
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