क्या वज्रासन पाचन तंत्र को मजबूत और मन को शांत करता है? जानें कैसे करें!

सारांश
Key Takeaways
- वज्रासन पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
- यह मन को शांत करता है।
- इससे मानसिक ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है।
- यह जांघों और पिंडलियों को मजबूत बनाता है।
- रक्त संचार में सुधार करता है।
नई दिल्ली, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। योगासन के नियमित अभ्यास से कई स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय की मानें तो वज्रासन एक ऐसी मुद्रा है जो न केवल पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है, बल्कि जांघों और पिंडलियों को भी शक्ति प्रदान करती है।
यह महत्वपूर्ण है कि वज्रासन न केवल शरीर को बल्कि मन को भी शांति देता है। यह योग मुद्रा शरीर और मन के बीच संतुलन बनाने का एक सरल तरीका है। आयुष मंत्रालय ने इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने की सलाह दी है। मंत्रालय के अनुसार, यह एक आसान योग मुद्रा है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकती है। नियमित अभ्यास से आप अपने पाचन तंत्र को मजबूत कर सकते हैं और साथ ही मन को शांत और ऊर्जावान भी बना सकते हैं।
वज्रासन करने की विधि भी बेहद सरल है। इसे करने के लिए समतल और साफ जगह पर चटाई बिछाएं। सबसे पहले, घुटनों के बल बैठें और अपने कूल्हों को एड़ियों पर टिका दें। दोनों पैरों के अंगूठे आपस में मिले होने चाहिए और एड़ियां थोड़ी खुली रहें। अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और दोनों हाथों को घुटनों पर रखें। आंखें बंद करें और सामान्य तरीके से गहरी सांस लें। शुरुआत में 2-3 मिनट तक इस मुद्रा में रहें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं। इसके बाद, सावधानी से पहले की अवस्था में लौटें।
हालांकि वज्रासन का अभ्यास सरल है, इसके कई लाभ हैं। यह पाचन तंत्र को सक्रिय करता है, जिससे अपच, कब्ज और वात जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। यह भोजन के बाद होने वाली जलन में भी विशेष रूप से फायदेमंद है। यह जांघों, पिंडलियों और टखनों को मजबूत बनाता है, जिससे पैरों की मांसपेशियां लचीली बनती हैं। इसके अतिरिक्त, यह मन को शांत करता है, तनाव और चिंता को कम करता है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को बढ़ाता है। नियमित अभ्यास से रक्त संचार में सुधार होता है और शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
योग विशेषज्ञ बताते हैं कि वज्रासन के कई लाभ हैं, लेकिन इसे करते समय कुछ सावधानियां भी बरतनी आवश्यक हैं। यदि आपके घुटनों या टखनों में दर्द या चोट है, तो इसे न करें। गर्भवती महिलाएं और गठिया रोगी बिना विशेषज्ञ की सलाह के इस आसन से बचें। लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने से असुविधा हो सकती है, इसलिए शुरुआत में कम समय के लिए अभ्यास करें। हमेशा आरामदायक सतह पर बैठें और शरीर को जबरदस्ती न मोड़ें।