क्या 'वंदे मातरम' के साथ हुए राजनीतिक छल के बारे में सभी पीढ़ियों को जानना चाहिए? : राजनाथ सिंह

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क्या 'वंदे मातरम' के साथ हुए राजनीतिक छल के बारे में सभी पीढ़ियों को जानना चाहिए? : राजनाथ सिंह

सारांश

राजनाथ सिंह ने कहा कि 'वंदे मातरम' का महत्व आज भी जीवित है, और इसके साथ हुए राजनीतिक छल के बारे में सभी को जानना चाहिए। यह चर्चा आजादी की लड़ाई के संदर्भ में है।

Key Takeaways

  • वंदे मातरम का इतिहास आजादी की लड़ाई से जुड़ा है।
  • यह गीत आज भी राष्ट्रीय भावना का प्रतीक है।
  • राजनाथ सिंह ने राजनीतिक छल पर जोर दिया।
  • हर भारतीय को इसकी महत्ता समझनी चाहिए।

नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा के शीतकालीन सत्र में सोमवार को 'वंदे मातरम' के 150 साल पूरे होने पर विशेष चर्चा की जा रही है। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वंदे मातरम इतिहास और वर्तमान से गहराई से जुड़ा हुआ है।

लोकसभा में वंदे मातरम पर चर्चा करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि इसने पूरे देश को आजादी की लड़ाई के लिए प्रेरित किया और ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी। यह केवल बंगाल के स्वदेशी आंदोलन या किसी चुनाव तक सीमित नहीं है।

उन्होंने याद दिलाया कि उस समय राष्ट्रीय चेतना जगाने के लिए 'वंदे मातरम समिति' का गठन किया गया था। 1906 में जब भारत का पहला राष्ट्रीय झंडा तैयार किया गया, उसके बीच में 'वंदे मातरम' लिखा हुआ था। उस समय 'वंदे मातरम' नाम से एक अखबार भी प्रकाशित होता था।

राजनाथ सिंह ने कहा कि 'वंदे मातरम' के साथ उतना न्याय नहीं हुआ, जितना होना चाहिए था। जन-गण-मन राष्ट्रीय भावना में पूरी तरह समा गया, किंतु 'वंदे मातरम' को जान-बूझकर दबाया गया।

सदन के अध्यक्ष को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 'वंदे मातरम' के साथ इतिहास ने बड़ा छल किया है। इस अन्याय की बात हर भारतीय को जाननी चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन सारी कोशिशों के बावजूद 'वंदे मातरम' का महत्व कभी कम नहीं हुआ। यह स्वयं में पूर्ण है, पर इसे अपूर्ण सिद्ध करने की बार-बार कोशिश की गई। इस अन्याय के बावजूद 'वंदे मातरम' आज भी करोड़ों भारतीयों के हृदय में जीवंत है।

उन्होंने कहा कि 'वंदे मातरम' के साथ जो अन्याय हुआ, उसे जानना जरूरी है। देश की भावी पीढ़ी 'वंदे मातरम' के साथ अन्याय करने वालों की मंशा जान सके। आज हम 'वंदे मातरम' की गरिमा को फिर से स्थापित कर रहे हैं। राष्ट्रीय गान और राष्ट्रीय गीत को बराबर का दर्जा देने की बात की गई थी। जन-गण-मन और 'वंदे मातरम' भारत माता की दो आंखें हैं। 'वंदे मातरम' राजनीतिक नहीं है।

कांग्रेस पर जुबानी हमला करते हुए रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि 'वंदे मातरम' को उपेक्षित किया गया। उसे खंडित किया गया। वह धरती जिस पर 'वंदे मातरम' की रचना हुई थी, उसी धरती पर 1937 में कांग्रेस ने उसे खंडित करने का निर्णय लिया था। 'वंदे मातरम' के साथ हुए राजनीतिक छल और अन्याय के बारे में सभी पीढ़ियों को जानना चाहिए, इसीलिए इस पर चर्चा हो रही है। क्योंकि यह अन्याय एक गीत के साथ नहीं था, यह आजाद भारत के लोगों के साथ था।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम अपने इतिहास को समझें और उसे आने वाली पीढ़ियों को बताएं। 'वंदे मातरम' केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय भावना है जो हमें एकजुट करती है। हमें इसके महत्व को नकारना नहीं चाहिए।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

वंदे मातरम का महत्व क्या है?
वंदे मातरम का महत्व आजादी की लड़ाई में प्रमुख था और यह आज भी करोड़ों भारतीयों के दिलों में बसे है।
राजनाथ सिंह ने वंदे मातरम पर क्या कहा?
राजनाथ सिंह ने कहा कि वंदे मातरम के साथ अन्याय हुआ है और इसे जानना सभी पीढ़ियों के लिए महत्वपूर्ण है।
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