क्या महाराष्ट्र के वसई में 12 वर्षीय छात्रा की संदिग्ध मौत के लिए स्कूल प्रशासन जिम्मेदार है?
सारांश
Key Takeaways
- छात्रा की संदिग्ध मौत ने शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
- परिवार ने स्कूल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- पुलिस जांच चल रही है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- इस मामले ने अभिभावकों में चिंता उत्पन्न की है।
- यह घटना शिक्षा विभाग के लिए एक चेतावनी है।
वसई, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के वसई में एक 12 वर्षीय छात्रा की संदिग्ध मौत ने स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग को हिलाकर रख दिया है। परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर आरोप लगाया है कि छात्रा को परेशान किया गया, जिसके कारण उसकी मौत हुई।
यह घटना वसई पूर्व के सातिवली स्थित श्री हनुमंत विद्या मंदिर की है, जहां कक्षा 6 में पढ़ने वाली छात्रा काजल (अंशिका) गौड़ की स्थिति स्कूल से लौटने के बाद अचानक बिगड़ गई थी।
घटना 8 नवंबर को हुई। उस दिन काजल स्कूल में कुछ देर से आई थी, जिसके चलते शिक्षिका ने उसे और अन्य छात्रों को स्कूल बैग लेकर 100 बार उठक-बैठक करने की सजा दी।
परिजनों के अनुसार, घर लौटने के बाद काजल ने थकान और अस्वस्थता की शिकायत की थी। थोड़ी ही देर में उसकी स्थिति गंभीर हो गई और परिवार ने उसे वसई के आस्था अस्पताल में भर्ती कराया। उसकी हालत नाजुक होने पर उसे मुंबई के जेजे अस्पताल रेफर किया गया, जहां शनिवार रात उसकी मृत्यु हो गई।
छात्रा की मौत के बाद परिवार ने स्कूल प्रबंधन और शिक्षिका पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सजा के कारण ही उनकी बच्ची की जान गई। वे इस मामले में कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
घटना के बाद पहले सर जेजे मार्ग पुलिस स्टेशन में आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया गया था, जिसे बाद में वसई के वालिव पुलिस स्टेशन को ट्रांसफर कर दिया गया।
वसई समूह शिक्षण अधिकारी पांडुरंग गलांगे ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है और रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी जाएगी।
वालिव पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक दिलीप घुगे ने कहा कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार उठक-बैठक की सजा और घटना के बीच संबंध प्रतीत होता है, लेकिन मेडिकल रिपोर्ट और पोस्टमॉर्टम के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने पर ही आगे की कानूनी कार्रवाई तय की जाएगी।
छात्रा की मृत्यु के बाद इलाके में तनाव का माहौल है और अभिभावक समुदाय स्कूलों में बच्चों को दी जाने वाली सजाओं पर सवाल उठा रहा है।