क्या वीरू, ठाकुर और गब्बर के बिना 'शोले' अधूरी है?
सारांश
Key Takeaways
- शोले भारतीय सिनेमा की एक अमर फिल्म है।
- वीरू और जय की दोस्ती का संदेश आज भी प्रासंगिक है।
- गब्बर और ठाकुर के किरदारों ने फिल्म को खास बनाया।
- फिल्म को कई बार री-रिलीज किया गया है।
- इस बार '४-के' वर्जन में दर्शकों के सामने आएगी।
नई दिल्ली, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। निर्देशक रमेश सिप्पी की कल्ट फिल्म 'शोले' को कई बार पर्दे पर देखा जा चुका है। एक बार फिर यह फिल्म दर्शकों के सामने आ रही है। इस बार ब्लॉकबस्टर फिल्म को देशभर में १५०० स्क्रीन्स पर '४-के' वर्जन में री-रिलीज किया जाएगा।
फिल्म में एक बार फिर जय-वीरू की अद्भुत जोड़ी देखने को मिलेगी, लेकिन असल जिंदगी में यह जोड़ी अब टूट चुकी है। बीते सोमवार को शोले में वीरू का किरदार निभाने वाले धर्मेंद्र देओल ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
कल्ट फिल्म 'शोले' अपनी कहानी से ज्यादा उसके किरदारों की वजह से जानी जाती है। फिल्म में जय-वीरू की दोस्ती, वीरू और बसंती का रोमांस, बसंती की मौसी लीला मिश्रा की कॉमेडी और ठाकुर और गब्बर की दुश्मनी जैसे पहलू इसे हिंदी सिनेमा की सबसे सफल फिल्मों में से एक बनाते हैं। 'शोले' १२ दिसंबर को फिर से रिलीज होगी, लेकिन शोले के चार आइकॉनिक किरदार - वीरू, ठाकुर और गब्बर अब हमारे बीच नहीं हैं।
गब्बर का किरदार निभाने वाले अमजद खान का निधन २७ जुलाई १९९२ को हुआ था। उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। उन्होंने इस किरदार को इस तरह निभाया कि शायद ही कोई और अभिनेता इसे उतनी बेहतरी से निभा पाता।
फिल्म की कहानी ठाकुर यानी संजीव कुमार से शुरू होती है, जो अपनी दुश्मनी का बदला लेना चाहते हैं। उन्होंने इस किरदार को इतनी गहराई से निभाया कि उनके संवाद आज भी लोगों को याद हैं। उनका निधन ६ नवंबर १९८५ को हुआ, जब उनकी उम्र सिर्फ ४७ साल थी।
हाल ही में, २४ नवंबर २०२५ को फिल्म के आत्मा और वीरू का किरदार निभाने वाले धर्मेंद्र ने भी हमें छोड़ दिया। उनका निधन ८९ साल की उम्र में हुआ। फिल्म के आइकॉनिक स्टारकास्ट से अब केवल अमिताभ बच्चन यानी 'जय' ही जीवित हैं।
फिल्म में जय का किरदार दुश्मनों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त होता है और वीरू का साथ छोड़कर चला जाता है। लेकिन, अब धर्मेंद्र के जाने से असल जिंदगी में वीरू ने जय का साथ छोड़ दिया है। दोनों की दोस्ती कॉलेज के लड़कों के लिए एक मिसाल है, जो खुद को जय-वीरू की उपाधि देते थे। आज बिना वीरू के, जय की कल्पना करना मुश्किल है।
फिल्म को फिर से पर्दे पर लाया जा रहा है। इसके सभी किरदार अमर हैं। 'शोले' को कई बार रिलीज किया गया है। इसे पहली बार १९७५ में रिलीज किया गया था, और फिर इसे २००४ में ७० मिमी रीस्टोर वर्जन, २०१४ में ३डी वर्जन, और अब २०२५ में ४-के वर्जन में पेश किया जाएगा।