क्या विदेश मंत्री जयशंकर 19-21 अगस्त को रूस दौरे पर, भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी को नया आयाम देंगे?

सारांश
Key Takeaways
- विदेश मंत्री एस. जयशंकर का रूस दौरा 19-21 अगस्त को होगा।
- इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत-रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना है।
- बैठक में व्यापार, आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग पर चर्चा होगी।
- यह मुलाकात अजीत डोभाल की हालिया यात्रा के बाद हो रही है।
- रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से महत्वपूर्ण वार्ता होगी।
नई दिल्ली, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर मंगलवार को रूस के लिए रवाना होने जा रहे हैं। रूस के प्रथम उप-प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के निमंत्रण पर जयशंकर 19 से 21 अगस्त, 2025 तक इस आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी दी है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, जयशंकर अपनी यात्रा के दौरान 20 अगस्त को भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग की 26वीं बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। यह बैठक व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर केंद्रित होगी। इस दौरान विदेश मंत्री मॉस्को में आयोजित भारत-रूस बिजनेस फोरम को भी संबोधित करेंगे।
इस यात्रा के दौरान, एस. जयशंकर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात में दोनों नेता द्विपक्षीय एजेंडे की समीक्षा करेंगे और क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह यात्रा भारत और रूस के बीच की लंबी विशेष रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इससे पहले, रूसी विदेश मंत्रालय ने इस यात्रा की पुष्टि की थी। 13 अगस्त को रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेता द्विपक्षीय एजेंडे के प्रमुख मुद्दों और अंतर्राष्ट्रीय ढांचे के तहत सहयोग के मुख्य पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
रूसी विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा करते हुए लिखा है कि 21 अगस्त को सर्गेई लावरोव भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के साथ वार्ता करेंगे। इस में द्विपक्षीय एजेंडे के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होगी।
यह बैठक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की हालिया मॉस्को यात्रा के बाद हो रही है, जहां उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, डेनिस मंटुरोव और सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगु से मुलाकात की थी। इसके अलावा, जयशंकर और लावरोव के बीच बैठक 15 जुलाई को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान हुई बातचीत के बाद आयोजित हो रही है।