क्या विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह युगांडा जाएंगे और भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे?

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क्या विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह युगांडा जाएंगे और भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे?

सारांश

भारत के विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह युगांडा की यात्रा पर जा रहे हैं। वे पहले मिस्र में गाजा शांति शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और फिर गुटनिरपेक्ष आंदोलन के 19वें सम्मेलन में भारत का नेतृत्व करेंगे। जानें, इस यात्रा की पृष्ठभूमि और महत्व।

Key Takeaways

  • विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह युगांडा की यात्रा पर जा रहे हैं।
  • वे गाजा शांति शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
  • युगांडा में गुटनिरपेक्ष आंदोलन का 19वां सम्मेलन होगा।
  • भारत इस आंदोलन का संस्थापक सदस्य है।
  • युगांडा 2024-26 के लिए गुटनिरपेक्ष आंदोलन का अध्यक्ष है।

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को जानकारी दी है कि विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह युगांडा की यात्रा करेंगे। इससे पहले, वह मिस्र में चल रहे गाजा शांति शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। युगांडा में, वह कंपाला में 15-16 अक्टूबर को आयोजित होने वाले गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के 19वें मध्यावधि मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस भागीदारी से आंदोलन के सिद्धांतों और मूल्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का पता चलता है। उल्लेखनीय है कि एनएएम के 19वें सम्मेलन से पहले, 13-14 अक्टूबर को वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक (एसओएम) होगी, जिसमें सचिव (पश्चिम) सिबी जॉर्ज भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।

युगांडा 2024-26 के लिए गुटनिरपेक्ष आंदोलन का अध्यक्ष है। इस वर्ष, मध्यावधि मंत्रिस्तरीय बैठक का विषय है 'साझा वैश्विक समृद्धि के लिए सहयोग को गहरा करना'।

विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, "भारत इस आंदोलन का संस्थापक सदस्य है, जो 121 विकासशील देशों को एक ऐतिहासिक मंच पर एकत्र करता है।"

राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह युगांडा के नेतृत्व और गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सदस्य देशों के समकक्षों से भी मिल सकते हैं। गुटनिरपेक्ष आंदोलन की स्थापना औपनिवेशिक व्यवस्था के अंत और विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुई थी।

आंदोलन के प्रारंभिक दौर में, उपनिवेशवाद से मुक्ति की प्रक्रिया में गुटनिरपेक्ष आंदोलन का कार्य महत्वपूर्ण था। इसके कारण कई देशों और जन समुदायों को स्वतंत्रता मिली और अनेक नए संप्रभु राज्यों की स्थापना हुई।

अपने इतिहास में, गुटनिरपेक्ष देशों ने विश्व शांति और सुरक्षा के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) को हमेशा से अधिक महत्व देता रहा है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि समूह के संस्थापक सदस्य के रूप में, भारत इस आंदोलन के उद्देश्यों और सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध है।

भारत ने वर्षों से अपने सदस्य देशों के बीच एकता और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एनएएम के साथ सक्रिय और रचनात्मक भागीदारी बनाए रखी है। एनएएम शिखर सम्मेलनों में भारत की नियमित उच्च स्तरीय भागीदारी देखी जाती है।

Point of View

यह यात्रा भारत के वैश्विक कूटनीतिक संबंधों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। कीर्ति वर्धन सिंह का नेतृत्व भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं और विकासशील देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने का एक प्रयास है।
NationPress
13/10/2025

Frequently Asked Questions

कीर्ति वर्धन सिंह कब युगांडा जाएंगे?
वे 15-16 अक्टूबर को युगांडा जाएंगे।
गुटनिरपेक्ष आंदोलन का सम्मेलन कब होगा?
गुटनिरपेक्ष आंदोलन का 19वां सम्मेलन 15-16 अक्टूबर को होगा।
भारत का गुटनिरपेक्ष आंदोलन में क्या योगदान है?
भारत गुटनिरपेक्ष आंदोलन का संस्थापक सदस्य है और इसके सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध है।
युगांडा इस वर्ष गुटनिरपेक्ष आंदोलन का अध्यक्ष क्यों है?
युगांडा 2024-26 की अवधि के लिए गुटनिरपेक्ष आंदोलन का अध्यक्ष है।
गाजा शांति शिखर सम्मेलन का महत्व क्या है?
यह सम्मेलन विश्व शांति और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा का मंच है।