क्या विजय दिवस ‘एट होम’ में सेना ने आत्मनिर्भरता और नवाचारों का भव्य प्रदर्शन किया?
सारांश
Key Takeaways
- विजय दिवस ‘एट होम’ कार्यक्रम का आयोजन 15 दिसंबर को हुआ।
- भारतीय सेना ने स्वदेशी तकनीकों का प्रभावशाली प्रदर्शन किया।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की गरिमामयी उपस्थिति रही।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित नवाचारों का प्रदर्शन हुआ।
- सेना ने ग्रीन एनर्जी पहलों का भी प्रदर्शन किया।
नई दिल्ली, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय सेना ने सोमवार को आर्मी हाउस, नई दिल्ली में विजय दिवस ‘एट होम’ कार्यक्रम का आयोजन किया। यह आयोजन 1971 के युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों की निर्णायक विजय की स्मृति में मनाया गया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस विशेष अवसर पर भारतीय सेना ने स्वदेशी तकनीकों और आधुनिक नवाचारों का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन आत्मनिर्भर, आधुनिक और भविष्य के लिए तैयार सेना की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस कार्यक्रम में 73 देशों के राजदूत और उच्चायुक्त, वीरता पुरस्कार विजेता, खेल जगत की हस्तियां, तथा विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि पाने वाले लोग शामिल हुए। इसके अतिरिक्त रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी भी इस समारोह में उपस्थित रहे। भारतीय सेना ने यहाँ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सैटेलाइट इमेजरी विश्लेषण प्रणाली का प्रदर्शन किया। यह प्रणाली उपग्रह चित्रों का तेज और सटीक विश्लेषण कर महत्वपूर्ण बदलावों की पहचान करती है। यह तकनीक सैन्य योजना, निगरानी, आपदा प्रबंधन, कृषि, भूमि प्रबंधन और अवसंरचना योजना में भी उपयोगी है।
इसके साथ ही नेटवर्क-रहित क्षेत्रों के लिए विकसित पोर्टेबल 'एआई-इन-ए-बॉक्स' प्रणाली भी प्रदर्शित की गई। यह कठिन परिस्थितियों में निर्णय सहायता प्रदान करती है और आपदा राहत एवं आपातकालीन अभियानों में अत्यंत उपयोगी हो सकती है। सेना ने एकम एआई का परिचय दिया, जो एक पूर्णत: स्वदेशी और सुरक्षित एआई प्लेटफॉर्म है। यह संवेदनशील वातावरण में बिना विदेशी सॉफ्टवेयर या क्लाउड पर निर्भर हुए डेटा विश्लेषण और निर्णय समर्थन प्रदान करता है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह डेटा संप्रभुता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वहीं प्रोजेक्ट संभव के अंतर्गत सैटेलाइट आधारित पोर्टेबल संचार प्रणाली दिखाई गई, जो दूरस्थ और आपदा-प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित कनेक्टिविटी प्रदान करती है। इसके साथ ही सेना का एडवांस ट्रस ब्रिज भी प्रदर्शित किया गया, जो कम समय और मानवबल में भारी सैन्य वाहनों के लिए मजबूत संपर्क स्थापित कर सकता है, और बाढ़ व भूकंप जैसी आपदाओं में भी बेहद उपयोगी है।
सेना ने स्वदेशी ऑल-टेरेन वाहन, रीसाइकल प्लास्टिक से बने इको-फ्रेंडली ट्रैकवे और साइलेंट इलेक्ट्रिक टैक्टिकल वाहन भी प्रदर्शित किए। ये तकनीक दुर्गम इलाकों में रसद, गश्त और बचाव कार्यों को सशक्त बनाती हैं। अन्य प्रमुख उपलब्धियों में नाइट-विजन उपकरणों का स्वदेशी घटक शामिल है, जिससे लागत कम हुई है और उपलब्धता बढ़ी है। सेना का फायरफाइटिंग रोबोट भी आकर्षण का केंद्र बना है, जो खतरनाक आग क्षेत्रों में मानव जीवन की रक्षा करता है।
भारतीय सेना ने ग्रीन एनर्जी पहल भी की हैं, जिनमें ऊर्जा-कुशल भवन, फोल्डेबल कंक्रीट और लद्दाख में ग्रीन हाइड्रोजन परियोजना शामिल हैं। भारतीय सेना ने प्राकृतिक आपदाओं के दौरान प्रथम प्रत्युत्तरकर्ता के रूप में अपनी भूमिका को भी प्रदर्शित किया है।
बता दें कि पिछले वर्ष में सेना ने आपदा में फंसे हजारों नागरिकों को बचाया है। सेना ने ऐसे इलाकों में क्षतिग्रस्त अवसंरचना को बहाल किया और राहत सामग्री भी पहुंचाई है। विजय दिवस ‘एट होम’ में प्रदर्शित नवाचार इस बात का प्रमाण है कि भारतीय सेना भारतीय सोच, भारतीय उद्योग और भारतीय मूल्यों के साथ आत्मनिर्भरता की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रही है। ये प्रयास न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ कर रहे हैं, बल्कि आपदा प्रबंधन, सतत विकास और राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।