क्या महाराष्ट्र में मतगणना की तारीख बढ़ाना लोकतंत्र का मजाक है? : विजय वड्डेटीवार
सारांश
Key Takeaways
- मतगणना की तारीख में बदलाव ने विवाद उत्पन्न किया है।
- विजय वड्डेटीवार ने इसे लोकतंत्र का मजाक कहा है।
- राज्य सरकार और चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया गया है।
- मतगणना में देरी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है।
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश का गलत अर्थ निकाला जा रहा है।
मुंबई, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक विजय वड्डेटीवार ने नगरपालिका और नगर पंचायत चुनावों की मतगणना की तारीख को आगे बढ़ाने पर गंभीर असंतोष व्यक्त किया है। उनका कहना है कि बंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ द्वारा तारीख बढ़ाने का निर्णय चुनाव प्रक्रिया को मजाक बना देता है। वड्डेटीवार के अनुसार, यह निर्णय पूरी तरह से गलत है और इसके लिए राज्य सरकार और चुनाव आयोग सीधे जिम्मेदार हैं।
विजय वड्डेटीवार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का गलत अर्थ निकाला जा रहा है। ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की बात की जा रही है, लेकिन असलियत कुछ और है। उनका प्रश्न है कि सरकार किस दिशा में कार्य कर रही है? पहले मतगणना 3 दिसंबर को होनी थी, अब इसे बढ़ाकर 21 दिसंबर कर दिया गया है।
वड्डेटीवार ने कहा कि चुनाव आयोग पूरी तरह से सरकार के दबाव में काम कर रहा है और एक कठपुतली की तरह हो गया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में पहले भी कई चुनाव हुए हैं, लेकिन कभी भी मतगणना की तारीख इस तरह नहीं बदली गई। इससे स्पष्ट है कि सरकार जानबूझकर चुनाव प्रक्रिया को लटकाना चाहती है।
उन्होंने सवाल उठाया कि मतगणना रोकने के पीछे कौन सा खेल चल रहा है? क्या पैसे का लेनदेन हो रहा है? क्या वोट चोरी करने की कोशिश की जा रही है? या फिर सरकार को डर है कि चुनाव परिणाम उनके खिलाफ जा सकते हैं? उनका कहना है कि यह सब प्रयास लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश है।
वड्डेटीवार का आरोप है कि फडणवीस सरकार इस पूरे मामले के लिए जिम्मेदार है और चुनाव परिणामों को प्रभावित करने का प्रयास कर रही है। उनका कहना है कि मतगणना में देरी लोकतांत्रिक प्रक्रिया का गला घोंटने के बराबर है और जनता के विश्वास के साथ खिलवाड़ है।
नागपुर बेंच ने निर्णय सुनाया है कि 3 दिसंबर को घोषित होने वाले म्युनिसिपल और नगर पंचायत चुनावों के नतीजे 21 तारीख को घोषित किए जाएंगे। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि राज्य के कुछ स्थानों पर चुनाव टाल दिए गए हैं, जहां 20 तारीख को मतदान होगा और 21 तारीख को नतीजे घोषित किए जाएंगे। यदि नतीजे बुधवार को घोषित किए गए, तो संभावना है कि इन नतीजों का असर उन जगहों की वोटिंग पर पड़ेगा, जहां चुनाव टाले गए हैं।