क्या बिहार चुनाव में 60 सीटों पर लड़ने की तैयारी में है वीआईपी?

सारांश
Key Takeaways
- वीआईपी ने 60 सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।
- महागठबंधन का अंतिम फैसला तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी मिलकर करेंगे।
- महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- वीआईपी का जनाधार मजबूत है।
- कर्पूरी ठाकुर की विचारधारा को आगे बढ़ाने का प्रयास।
पटना, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने अपने नेता मुकेश सहनी को सुझाव दिया है कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में वीआईपी को 60 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए।
देव ज्योति ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि यह सुझाव हाल ही में वाल्मीकि नगर में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में दिया गया। सीट बंटवारे का अंतिम निर्णय महागठबंधन समन्वय समिति के अध्यक्ष तेजस्वी यादव और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी मिलकर करेंगे।
प्रवक्ता ने कहा कि महागठबंधन की समन्वय समिति के अध्यक्ष तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी के बीच का रिश्ता बड़े और छोटे भाई का है। दोनों मिलकर अंतिम निर्णय लेंगे और मुझे पूरा विश्वास है कि वीआईपी को संतोषजनक संख्या में सीटें मिलेंगी तथा 'इंडिया' गठबंधन सफल होगा। वीआईपी का बिहार में मजबूत जनाधार है और हमें मुकेश सहनी के चेहरे पर वोट मिलता है।
देव ज्योति ने आगे कहा कि वीआईपी कर्पूरी ठाकुर और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की विचारधारा का अनुसरण करती है। कर्पूरी ठाकुर हमेशा कहते थे कि हिस्सेदारी जनसंख्या के अनुपात में होनी चाहिए। हमारी पार्टी उसी विचारधारा को आगे बढ़ा रही है।
उन्होंने कहा कि गठबंधन का मुख्य उद्देश्य भाजपा को हराना और बिहार को सुरक्षित करना है। मुद्दा सीटों का नहीं, बल्कि भाजपा को पराजित करने का है। महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों का समाधान करना और बिहार को प्रगति की ओर ले जाना हमारा लक्ष्य है।