क्या विपक्ष के एजेंडे में सिर्फ अपना स्वार्थ पूरा करना है? : धर्मेंद्र प्रधान

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क्या विपक्ष के एजेंडे में सिर्फ अपना स्वार्थ पूरा करना है? : धर्मेंद्र प्रधान

सारांश

नई दिल्ली में संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्ष पर आरोप लगाया है कि उनका केवल स्वार्थ पूरा होना ही एजेंडा है। वह बिहार चुनाव में हार के बाद अपनी रणनीतियों को लेकर दबाव में हैं। क्या विपक्ष अपनी नैतिकता का सम्मान करेगा?

Key Takeaways

  • विपक्ष का मुख्य उद्देश्य स्वार्थ है।
  • बिहार चुनाव में हार ने उनकी स्थिति को कमजोर किया है।
  • संसद में चर्चा का महत्व है।
  • जनता का जनमत सर्वोपरि है।
  • विपक्ष केवल नकारात्मकता फैलाने में लगा है।

नई दिल्ली, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद का शीतकालीन सत्र जारी है। मंगलवार को इस सत्र का दूसरा दिन है। विपक्षी सांसद सरकार पर मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा से दूर भागने का आरोप लगा रहे हैं। इसी बीच, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने चुटकी लेते हुए कहा कि विपक्ष का मुख्य उद्देश्य केवल अपना स्वार्थ साधना है।

धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, "जो अभिनय करने वाले हैं, उन्हें एक बहाना चाहिए। अभी हाल ही में बिहार चुनाव संपन्न हुए हैं, जिसमें विपक्ष को एक बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। जिन मुद्दों पर विपक्ष संसद का सत्र बाधित कर रहा है, वे मुद्दे उन्होंने पहले भी उठाए थे। प्रजातंत्र में जनमत सर्वोपरि है। उनका मुख्य एजेंडा केवल अपने स्वार्थ की पूर्ति करना है। संसद में चर्चा को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। हर प्रकार की चर्चा की जा सकती है। विपक्ष को केवल देश में गतिरोध उत्पन्न करने और जनता को भ्रमित करने का एक बहाना चाहिए।

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "न खाता न बही, जो गांधी परिवार कहे वही सही। विपक्ष की बड़ी मजबूरी है कि उसे इस प्रकार के दिवालिया नेतृत्व को स्वीकार करना पड़ रहा है। वे अंतर्विरोधों से भरी दुनिया में जीते हैं। मैं उनसे अपील करता हूँ कि वे नियमों के तहत चर्चा में भाग लें। यदि उनमें थोड़ी भी नैतिकता है, तो बिहार के जनादेश का सम्मान करें।"

उन्होंने यह भी कहा, "नीति पर चर्चा होनी चाहिए। किसी भी विषय पर आलोचना करने के लिए सरकार तैयार है, लेकिन आप असली मुद्दे पर चर्चा नहीं करना चाहते, केवल हंगामा खड़ा करना चाहते हैं। हर चुनाव में जनता ने प्रजातंत्र के प्रति अपनी आस्था जताई है, लेकिन आज कांग्रेस पार्टी और समूचा विपक्ष भ्रमित हैं और दिवालियापन की कगार पर खड़े हैं। विपक्ष प्रदूषण पर चर्चा करना चाहता है, तो सरकार उसके लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष केवल नकारात्मकता फैलाने में लगा हुआ है।

Point of View

यह कहा जा सकता है कि विपक्ष की रणनीतियाँ और उनके इरादे महत्वपूर्ण हैं। संसद में चर्चा का महत्व है, लेकिन जब स्वार्थ की बात आती है, तो यह समाज के लिए चिंता का विषय बन जाता है। देश की राजनीति में पारदर्शिता की आवश्यकता है और सभी पक्षों को खुला संवाद करना चाहिए।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्ष पर क्या आरोप लगाया?
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि विपक्ष का एजेंडा केवल अपना स्वार्थ पूरा करना है।
बिहार चुनाव का क्या प्रभाव पड़ा है?
बिहार चुनाव में विपक्ष को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है, जिससे उनकी स्थिति कमजोर हुई है।
संसद में चर्चा का महत्व क्या है?
संसद में चर्चा प्रजातंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे जनमत का सम्मान होता है।
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