क्या विपक्ष के नेताओं की भाषा स्तरहीन और संस्कारों का अभाव है? : योगेंद्र उपाध्याय

सारांश
Key Takeaways
- प्रियंका गांधी का बयान पीएम मोदी पर तीखा हमला है।
- योगेंद्र उपाध्याय ने संस्कारों की कमी का मुद्दा उठाया।
- राजनीतिक भाषा का स्तर गिर रहा है।
- लाठीचार्ज की घटना गंभीर है और इसकी जांच चल रही है।
- योगी सरकार छात्रों का शोषण बर्दाश्त नहीं करेगी।
आगरा, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। वायनाड से सांसद और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि जैसे फिल्म 'तेरे नाम' में सलमान खान का किरदार हमेशा रोता है, वैसे ही पीएम मोदी भी लगातार रोते रहते हैं। इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस पर उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि बच्चों को संस्कार नहीं दिए जाएं तो वे जीवन भर रोते हैं और समाज को भी रुलाते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, तेजस्वी यादव या अखिलेश यादव जैसे नेता राजनीतिक परिवार से हैं, लेकिन इन्हें संस्कार नहीं दिए गए हैं। इसलिए इनके कार्यों से संस्कृति रो रही है और जनता दुखी है। ये लोग संस्कार विहीन हैं। इनका सार्वजनिक जीवन में भाषा का स्तर गिर गया है। देश की जनता ऐसे नेताओं को कभी माफ नहीं करेगी। राहुल गांधी को इस कृत्य के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। यदि इंदिरा गांधी के खिलाफ ऐसी टिप्पणी की जाए तो प्रियंका गांधी को भी दुःख होगा।
इसके अलावा, बाराबंकी के रामस्वरूप विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं और छात्रों पर हुए लाठीचार्ज पर भी योगेंद्र उपाध्याय ने बयान दिया। उन्होंने इस घटना को गंभीर बताते हुए कहा कि छात्र अपनी न्यायोचित मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्थानीय लोगों को बुलाकर टकराव करवाया और पुलिस ने बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की। यह निंदनीय है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस मामले में त्वरित कार्रवाई शुरू हो चुकी है। पुलिस के सीओ को निलंबित किया गया है और अन्य दोषी अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी। मंडलायुक्त के नेतृत्व में पूरे प्रकरण की जांच चल रही है।
उन्होंने आगे बताया कि विश्वविद्यालय का नवीनीकरण नहीं हुआ था, फिर भी वहाँ प्रवेश लिया जा रहा था, जो गलत है। विश्वविद्यालय प्रशासन के जिम्मेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। योगी सरकार में छात्रों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।