क्या एनआईए की विशेष अदालत ने विशाखापत्तनम जासूसी मामले में 2 आरोपियों को सजा सुनाई?

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क्या एनआईए की विशेष अदालत ने विशाखापत्तनम जासूसी मामले में 2 आरोपियों को सजा सुनाई?

सारांश

एनआईए की विशेष अदालत ने पाकिस्तान से जुड़े विशाखापत्तनम जासूसी मामले में दो आरोपियों को सजा सुनाई है। यह मामला भारत की सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और एनआईए की जांच पूरी साजिश को उजागर करने की दिशा में है। जानें इस मामले के बारे में और क्या कदम उठाए गए हैं।

Key Takeaways

  • विशाखापत्तनम जासूसी मामले में दो आरोपियों को सजा मिली।
  • आरोपियों को 5 साल और 11 महीने की साधारण कारावास की सजा सुनाई गई।
  • कुल 15 आरोपियों में से 8 को दोषी ठहराया गया है।
  • एनआईए ने जांच जारी रखी है।
  • भारत की सुरक्षा के लिए यह मामला महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने पाकिस्तान से जुड़े विशाखापत्तनम नौसेना जासूसी मामले में दो और आरोपियों को जुर्माने सहित साधारण कारावास की सजा सुनाई है।

आरोपियों की पहचान राजस्थान के झुंझुनू जिले के अशोक कुमार और अलवर जिले के विकास कुमार के रूप में हुई है, जिन्हें यूए(पी) अधिनियम की धारा 18 और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धारा 3 के तहत 5 साल और 11 महीने की साधारण कारावास की सजा काटनी होगी।

विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) स्थित एनआईए की विशेष अदालत द्वारा लगाए गए 5,000 रुपए के जुर्माने का भुगतान न करने की स्थिति में उन्हें एक साल की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भी भुगतनी होगी।

इस मामले में एनआईए ने अब तक गिरफ्तार 15 आरोपियों में से आठ को दोषी ठहराने में सफलता प्राप्त कर ली है। अशोक और विकास को दिसंबर २०१९ में क्रमशः मुंबई (महाराष्ट्र) और कारवार (कर्नाटक) से गिरफ्तार किया गया था। एनआईए ने जून २०२० में 14 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया और बाद में मार्च २०२१ में एक और आरोपी के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल किया।

इस मामले में कुल 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से अब तक आठ को दोषी ठहराया जा चुका है और सजा सुनाई जा चुकी है। मामले में अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा अभी भी जारी है।

एनआईए ने दिसंबर २०१९ में काउंटर इंटेलिजेंस पुलिस स्टेशन, खुफिया विभाग, विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश पुलिस) से विदेशी जासूसों/एजेंटों द्वारा महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और भारतीय नौसेना प्रतिष्ठानों पर जासूसी से संबंधित मामले को अपने हाथ में लिया था।

एनआईए जासूसी के पीछे की पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए अपनी जांच जारी रखे हुए है, जिसका उद्देश्य भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को भंग करना था।

इससे पहले एनआईए के विशेष अदालत ने ७ नवंबर को दो आरोपियों को ५ साल १० महीने की कैद की सजा सुनाई थी। जबकि, १७ अक्टूबर को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम की विशेष अदालत ने मुंबई निवासी मोहम्मद हारून हाजी अब्दुल रहमान लकड़ावाला को यूए(पी) अधिनियम की धारा 17 और 18 के तहत साढ़े पांच साल के कारावास की सजा सुनाई थी।

गुजरात के गोधरा निवासी इमरान याकूब गितेली को भी इन्हीं अपराधों के लिए 6 साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई गई।

Point of View

NationPress
28/11/2025

Frequently Asked Questions

विशाखापत्तनम जासूसी मामले में किसने सजा दी?
एनआईए की विशेष अदालत ने इस मामले में आरोपियों को सजा सुनाई।
आरोपियों को कितनी सजा सुनाई गई है?
आरोपियों को 5 साल और 11 महीने की साधारण कारावास की सजा सुनाई गई है।
इस मामले में कितने आरोपी गिरफ्तार हुए हैं?
इस मामले में कुल 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
एनआईए ने इस मामले में कब जांच शुरू की?
एनआईए ने दिसंबर 2019 में इस मामले की जांच शुरू की थी।
क्या आरोपियों को जुर्माना भी भरना होगा?
हाँ, आरोपियों को 5000 रुपए का जुर्माना भी भरना होगा।
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