क्या वृंदावन में श्रद्धालु की आकस्मिक मृत्यु हृदयाघात का परिणाम थी?

सारांश
Key Takeaways
- धार्मिक स्थलों पर स्वास्थ्य सेवाओं का ध्यान रखना आवश्यक है।
- आकस्मिक मृत्यु के मामलों में तत्काल सहायता की आवश्यकता होती है।
- परिवार को तत्काल सहयोग मिलना महत्वपूर्ण होता है।
- ब्रज क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
- देखभाल और सुरक्षा के उपायों का उचित कार्यान्वयन जरूरी है।
मथुरा, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। वृंदावन के प्रसिद्ध श्री बांके बिहारी मंदिर में बुधवार को दर्शन के बाद एक श्रद्धालु की हृदयाघात (हार्ट अटैक) से मृत्यु हो गई। मंदिर प्रशासन, पुलिस और स्थानीय अधिकारियों ने तुरंत जानकारी प्राप्त कर आवश्यक कदम उठाए। मृतक की पहचान मेरठ, उत्तर प्रदेश निवासी कृपाल सिंह (आयु लगभग 56 वर्ष) के रूप में हुई है।
मंदिर प्रशासन के अनुसार, कृपाल सिंह अपने परिवार के साथ मंगलवार को बांके बिहारी मंदिर में दर्शन करने आए थे। दर्शन के बाद जब वे शाम लगभग छह बजे मंदिर परिसर के गेट नंबर-4 से बाहर निकल रहे थे, तब उनके कंधे पर उनका भतीजा था। अचानक उन्हें चक्कर आया और वे गिर पड़े।
वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत सहायता की और श्रद्धालु को नजदीकी मायावती अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजनों का कहना है कि कृपाल सिंह पिछले कुछ समय से सांस संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे। घर पर उन्हें अक्सर सांस फूलने की समस्या रहती थी और हाल के दिनों में यह समस्या बढ़ गई थी।
परिवार का कहना है कि कृपाल सिंह बस के माध्यम से अपने लगभग 50 रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ बांके बिहारी का दर्शन करने आए थे। जब वे श्रद्धा भाव से मंदिर से बाहर निकल रहे थे, तभी अचानक उन्हें असहजता महसूस हुई। परिवार का मानना है कि उनकी मृत्यु प्राकृतिक कारणों से हुई है। चिकित्सकीय जांच में भी यह स्पष्ट हुआ कि उनकी हृदयगति रुक जाने से मृत्यु हुई।
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और मंदिर समिति के प्रतिनिधियों ने मृतक के परिजनों को पूरा सहयोग किया। परिवार के अनुरोध पर शव को आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद मेरठ भेजा गया।
जिला प्रशासन ने बताया कि मृतक के साथी अवधपाल पुत्र प्रीतम सिंह, विनोद कुमार पुत्र धनपाल सिंह, संजीव कुमार पुत्र बृजपाल सिंह जनपद मेरठ और अन्य साथियों को कृपाल के शव को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।
मंदिर प्रशासन ने दिवंगत श्रद्धालु के प्रति गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है और उनके परिवार के प्रति सहानुभूति प्रकट करते हुए ईश्वर से इस दुखद घड़ी में उन्हें धैर्य और शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है। वृंदावन बांके बिहारी मंदिर में दर्शन व्यवस्था यथावत जारी रही और श्रद्धालु नियमित रूप से ठाकुर जी के दर्शन करते रहे।