क्या वारिस पठान के बयानों पर नितेश राणे का पलटवार है सही?

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क्या वारिस पठान के बयानों पर नितेश राणे का पलटवार है सही?

सारांश

नितेश राणे ने वारिस पठान के हिजाब वाली महिला महापौर बनने के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज की वास्तविकता को समझने की आवश्यकता है। क्या यह बयान समाज में तनाव उत्पन्न कर सकता है?

Key Takeaways

  • भारतीय समाज की जमीनी हकीकत को समझना आवश्यक है।
  • विभाजनकारी राजनीति से समाज में तनाव बढ़ता है।
  • हिंदू समाज अपने अधिकारों की रक्षा करना जानता है।
  • राजनीतिक बयानों का सामाजिक प्रभाव होता है।
  • शांति और भाईचारे का सुरक्षा होना आवश्यक है।

मुंबई, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। एआईएमआईएम के नेता वारिस पठान द्वारा दिए गए बयान पर, जिसमें उन्होंने कहा कि हिजाब वाली महिला महापौर बन सकती है, मंत्री नितेश राणे ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। राणे ने कहा कि वारिस पठान को यह याद रखना चाहिए कि वे किस देश और किस राज्य में रहते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत एक हिंदू बहुल देश है और महाराष्ट्र में ऐसी सरकार कार्यरत है जो हिंदुत्व की विचारधारा का समर्थन करती है। ऐसे में इस तरह के बयान देकर समाज में भ्रम या तनाव उत्पन्न करने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए।

नितेश राणे ने कहा कि यदि कोई नेता इस प्रकार के सपने देख रहा है, तो उसे पहले जमीनी हकीकत को समझना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र, विशेषकर मुंबई, ऐसा स्थान नहीं है जहां विभाजनकारी या उकसावे वाली राजनीति को आसानी से स्वीकार किया जाए।

राणे ने कहा, "यदि किसी को इस तरह की सोच रखनी है, तो उसे यह भी सोचना चाहिए कि क्या वह इस राज्य की सामाजिक और संस्कृतिक भावना का सम्मान कर रहा है या नहीं।"

उन्होंने आगे कहा कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में, जहां कट्टर सोच को राजनीतिक माध्यम से बढ़ावा दिया गया है, वहां सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा है।

राणे ने बताया कि ऐसी राजनीति से समाज में डर, अविश्वास और टकराव बढ़ता है, और इसका परिणाम आम जनता को भुगतना पड़ता है। इसलिए, उनके अनुसार, मुंबई में किसी भी प्रकार की कट्टर या विभाजनकारी मानसिकता को पनपने नहीं दिया जाएगा।

मंत्री ने यह भी कहा कि हिंदू समाज कमजोर नहीं है और अपने अधिकारों तथा सम्मान की रक्षा करना जानता है। उन्होंने दावा किया कि समाज लोकतांत्रिक तरीके से, लेकिन दृढ़ता के साथ, ऐसे बयानों का जवाब देगा। राणे ने कहा कि यह संदेश स्पष्ट होना चाहिए कि मुंबई और महाराष्ट्र में शांति, भाईचारा और कानून-व्यवस्था से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

Point of View

यह स्पष्ट होता है कि राजनीतिक बयानबाजी का प्रभाव समाज पर पड़ता है। ऐसे बयानों से न केवल सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है, बल्कि राजनीतिक स्थिरता भी प्रभावित हो सकती है।
NationPress
28/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या वारिस पठान का बयान सही है?
यह बयान विभिन्न दृष्टिकोणों के आधार पर सही या गलत हो सकता है।
नितेश राणे की प्रतिक्रिया का क्या महत्व है?
उनकी प्रतिक्रिया समाज में तनाव को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है।
क्या हिजाब पहनना एक राजनीतिक मुद्दा है?
हिजाब पहनने का मुद्दा धार्मिक और सांस्कृतिक संदर्भ में राजनीतिक हो सकता है।
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