क्या योग दिवस पर 'ब्रेक' पर राजनीति हो रही है? एसटी हसन को मंत्री एसपी सिंह बघेल ने दिया जवाब

सारांश
Key Takeaways
- योग दिवस स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
- ब्रेक का उद्देश्य योगाभ्यास को प्रोत्साहित करना है।
- सभी धार्मिक भावनाओं का सम्मान होना चाहिए।
- राजनीतिक बयानबाजी से बचना आवश्यक है।
- केंद्रीय मंत्री का स्वास्थ्य पर जोर देना महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। योग दिवस से पहले 'वाई-ब्रेक' पर राजनीति गर्म हो गई है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता एसटी हसन ने 'वाई-ब्रेक' पर सवाल उठाकर एक विवाद खड़ा किया। इस पर केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने उन्हें जवाब दिया है। एसपी सिंह बघेल का कहना है कि यह बयान केवल मुस्लिम तुष्टिकरण को लेकर दिया गया है।
पूर्व सांसद एसटी हसन ने योग दिवस पर कर्मचारियों को दिए जाने वाले "विशेष ब्रेक" के संबंध में कहा, "जब मुसलमानों को नमाज के लिए आधे घंटे का भी ब्रेक नहीं दिया जाता है तो योग के लिए विशेष ब्रेक देना कहां तक उचित है?" इस पर पलटवार करते हुए एसपी सिंह बघेल ने कहा, "योग दिवस का संबंध किसी धर्म से नहीं है। योग दिवस से स्वास्थ्य जुड़ा है।"
केंद्रीय मंत्री बघेल ने न्यूज एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "अगर कोई कट्टर मौलाना ऐसा बयान देता तो मुझे आश्चर्य नहीं होता। एसटी हसन खुद डॉक्टर हैं। स्वास्थ्य के बारे में उनसे ज्यादा कौन जानता है? वह अपने प्रिस्क्रिप्शन के साथ मरीजों को सलाह देते होंगे कि योग करो, कपालभाति करो। इससे लाभ हो सकता है।"
"कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमति का कुनबा जोड़ा" मुहावरा पढ़ते हुए एसपी सिंह बघेल ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "जब ऐसा कुनबा जुड़ता है तो बिखर जाता है। प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता के तूफान में बह न जाएं, इसलिए इंडी गठबंधन हुआ था।"
गौरतलब है कि सपा नेता और पूर्व सांसद एसटी हसन ने न्यूज एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में योग दिवस पर ब्रेक को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "योग एक अच्छी चीज है। योग ऑफिस आने से पहले या ऑफिस से जाने के बाद किया जा सकता है। इसके लिए ब्रेक की क्या जरूरत थी? यह कोई इबादत नहीं है, न पूजा हो रही है।"
उन्होंने आगे कहा, "जब मुसलमान जुमे की नमाज के लिए आधे घंटे का ब्रेक मांगता है तो वह नहीं दिया जाता है। योग दिवस के लिए बेवजह ब्रेक दे दिया गया है। यह दोहरा रवैया नहीं होना चाहिए। सभी के जज्बात का ख्याल रखना चाहिए।"