क्या सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहले राम मंदिर और फिर राम की पैड़ी पर जलाए श्रद्धा के दीप?

सारांश
Key Takeaways
- सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में दीप जलाकर भक्ति का उत्सव मनाया।
- राम मंदिर और राम की पैड़ी का विशेष महत्व है।
- दीपोत्सव ने अयोध्या का गौरव बढ़ाया।
- छात्रों ने पारंपरिक कलाकृतियों से दीपोत्सव को और भव्य बनाया।
- युवाओं ने अनुशासन और सेवा भावना का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया।
अयोध्या, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार की शाम को दीपोत्सव के अवसर पर राम की पैड़ी पर श्रद्धा के दीप जलाए। इससे पहले, सीएम योगी ने श्रीराम मंदिर जाकर मर्यादा पुरुषोत्तम के दर्शन-पूजन किए। उन्होंने वहाँ उनके चरणों में हाजिरी लगाई और फिर परिक्रमा की।
इस दौरान, योगी आदित्यनाथ ने मंदिर भवन और प्रांगण में श्रद्धालुओं का अभिवादन भी किया। मुख्यमंत्री ने यहाँ श्रीराम की आरती उतारी। उन्होंने राम की पैड़ी से पहले राम मंदिर में मर्यादा पुरुषोत्तम के समक्ष, फिर मंदिर प्रांगण में भी दीप जलाए। दीपोत्सव 2025 की रोशनी में अयोध्या का हर कोना प्रभु श्रीराम की भक्ति से सराबोर नजर आया।
राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के को-ऑर्डिनेटर्स और छात्रों ने दीपोत्सव की भव्यता और मुख्यमंत्री के नेतृत्व की सराहना की, यह कहते हुए कि उनके मार्गदर्शन में अयोध्या का गौरव पुनर्जीवित हुआ है। राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की प्रोफेसर के निर्देशन में राम की पैड़ी पर पारंपरिक चौक पूरन शैली में स्वास्तिक बनाया गया, जिसने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।
प्रोफेसर डॉ. सरिता द्विवेदी (रंगोली प्रमुख) के नेतृत्व में प्रोफेसर्स और छात्र-छात्राओं ने मिलकर कई आकर्षक कलाकृतियाँ बनाई। दीपों से सजी इन कलाकृतियों ने दीपोत्सव की शोभा को और भी निखार दिया। लोगों ने इन रचनाओं की दिल खोलकर सराहना की।
कर्मकांड की तैयारी में जुटे संस्कृत से एमए के विद्यार्थी करन पांडे ने बताया कि हर साल की तुलना में इस बार दीपोत्सव अधिक धूमधाम से मनाया जा रहा है। अयोध्या ऐसी लग रही है, मानो हम साक्षात स्वर्ग देख रहे हों। योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद हमारा सनातन लगातार मजबूत हुआ है। हमें गर्व है कि सीएम ने रामकथा पार्क में आकर हमारा उत्साह बढ़ाया। करन इस समय अयोध्या के गुरुकुल में रहकर संस्कृत की पढ़ाई कर रहे हैं।
सुल्तानपुर से पढ़ाई करने आए आशुतोष सिंह ने बताया कि दीपोत्सव अब केवल एक भक्ति पर्व नहीं, बल्कि अयोध्या की पहचान बन चुका है। आशुतोष अपने परिवार के साथ दीपोत्सव का नजारा देखने पहुंचे और कहा कि यह आयोजन हमें गौरवान्वित करता है। राम की पैड़ी और सरयू घाट पर तैनात वालंटियर्स ने दीपोत्सव की व्यवस्था को सधे ढंग से संभाला। युवाओं ने अनुशासन, समर्पण और सेवा भावना की अद्भुत मिसाल पेश की। हर कोने पर जय श्रीराम के नारे, दीपों की पंक्तियाँ और युवाओं की उमंग ने अयोध्या को भक्ति और ऊर्जा के संगम में बदल दिया।