क्या योगी सरकार कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से किसानों को निःशुल्क उन्नत बीज दे रही है?
सारांश
Key Takeaways
- योगी सरकार द्वारा किसानों को निःशुल्क बीज और उर्वरक दिए जा रहे हैं।
- कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को आधुनिक खेती की तकनीकों से अवगत करा रहा है।
- बिचौलियों की भूमिका समाप्त कर दी गई है।
- किसान अब सही मूल्य पर अपनी फसल बेच सकते हैं।
- कृषि विज्ञान केंद्र में निरंतर मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है।
झांसी, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। योगी सरकार कृषि विज्ञान केंद्रों के जरिए किसानों को आधुनिक कृषि और ऊँची पैदावार के लिए प्रेरित कर रही है। झांसी के भरारी में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र ने गोद लिए गए दस गांवों के चुनिंदा किसानों को निःशुल्क बीज और उर्वरक प्रदान करने का काम शुरू किया है। इन किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र में आमंत्रित कर कृषि वैज्ञानिक उन्नत खेती की तकनीकों से भी अवगत करा रहे हैं।
झांसी में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के जरिए गोद लिए गए गांवों के किसानों को गेहूं की नई प्रजाति करनवंदना का बीज दिया गया है, जो पारंपरिक गेहूं की तुलना में काफी अधिक उपज देती है। सरसों की राधिका नस्ल के बीज भी प्रदान किए गए हैं, जिनमें शाखाएं अधिक होती हैं, जिससे पैदावार में वृद्धि होती है। फूलगोभी के उन्नत पौधों को कृषि विज्ञान केंद्र में तैयार किया गया है, जिन्हें इन किसानों को दिया गया है। इसके साथ ही, बोरान उर्वरक भी उपलब्ध कराया गया है, जो खेतों की उर्वरता बढ़ाने में सहायक है।
कृषि विज्ञान केंद्र झांसी के वैज्ञानिक डॉ. आदित्य कुमार सिंह ने बताया कि किसानों को बीज, पौधे और उर्वरक प्रदान किए गए हैं और उन्हें पैदावार बढ़ाने के तरीकों के बारे में निरंतर मार्गदर्शन दिया जा रहा है। आधुनिक तकनीकों को अपनाकर किसान अपनी उपज को और बढ़ा सकते हैं।
इससे पहले, उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि आज प्रदेश में खेती का भविष्य सचिवालय के कमरों में नहीं, बल्कि खेतों की मिट्टी में लिखा जा रहा है। 2017 से पहले, कृषि योजनाएं केवल फाइलों में ही सीमित थीं। अधिकारी सचिवालय में बैठकर कृषि नीति तैयार करते थे। लेकिन हमारी सरकार खेतों में उतरकर किसानों की समस्याओं को समझती है।
मुख्यमंत्री योगी ने आगे बताया कि बीज, खाद, सिंचाई और बाजार के क्षेत्रों में बिचौलियों की भूमिका को समाप्त कर दिया गया है। अब किसान अपनी फसल का सही मूल्य बिना किसी देरी और कटौती के प्राप्त कर रहा है।