क्या योगी सरकार की नई एमआईसीई प्रोत्साहन योजना से एमएसएमई को मिलेगा वैश्विक मंच?

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क्या योगी सरकार की नई एमआईसीई प्रोत्साहन योजना से एमएसएमई को मिलेगा वैश्विक मंच?

सारांश

योगी सरकार की नई एमआईसीई प्रोत्साहन योजना एमएसएमई को वैश्विक मंच पर लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना से न केवल निवेश बढ़ेगा बल्कि प्रदेश के उद्यमियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए अवसर भी मिलेंगे। जानिए इस योजना के प्रमुख बिंदु क्या हैं।

Key Takeaways

  • एमआईसीई प्रोत्साहन योजना के तहत वित्तीय सहायता मिलेगी।
  • योजना का उद्देश्य निर्यात को बढ़ावा देना है।
  • युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
  • योजना का लाभ केवल मान्यता प्राप्त इवेंट्स को मिलेगा।
  • इस पहल से उत्तर प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

लखनऊ, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार अब प्रदेश के छोटे, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जोड़ने के लिए पहली बार मीटिंग्स, इंसेंटिव्स, कॉन्फ्रेंस और एक्जीबिशन्स (एमआईसीई) प्रोत्साहन योजना की शुरुआत करने जा रही है। यह योजना उत्तर प्रदेश निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025–2030 का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। योजना का मुख्य उद्देश्य उद्यमियों को वैश्विक अवसर प्रदान करना, निर्यात को प्रोत्साहित करना, निवेश को आकर्षित करना और ब्राण्ड यूपी को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाना है। इससे प्रदेश में नए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।

हाल ही में योगी सरकार द्वारा प्रस्तुत की गई उत्तर प्रदेश निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025–2030 में इस योजना को पहली बार शामिल किया गया है। इस योजना के तहत, एमआईसीई कार्यक्रमों के आयोजन पर प्रति विदेशी प्रतिभागी 7,000 रुपए या एक कार्यक्रम के लिए अधिकतम 6 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी। एक एमआईसीई ऑपरेटर एक वर्ष में अधिकतम दो कार्यक्रमों के लिए इस योजना का लाभ उठा सकेगा।

इस योजना का लाभ वही एमआईसीई इवेंट ले सकेंगे जो पर्यटन मंत्रालय द्वारा मान्य हों। उत्तर प्रदेश में पंजीकृत एमएसएमई श्रेणी के एमआईसीई ऑपरेटर या इवेंट मैनेजमेंट इकाइयाँ, जो संबंधित विभागों और परिषदों में पंजीकृत हैं, इस योजना के लिए पात्र होंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल से उत्तर प्रदेश को एक बड़े एमआईसीई हब के रूप में पहचान मिलेगी, जिससे निवेश बढ़ेगा, निर्यात को मजबूती मिलेगी, और प्रदेश के युवाओं को नए रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

कार्यक्रम शुरू होने से कम से कम 60 दिन पहले निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो, उत्तर प्रदेश के पोर्टल पर आवेदन करना होगा। कार्यक्रम समाप्त होने के 60 दिनों के भीतर उसकी विस्तृत रिपोर्ट आवश्यक दस्तावेजों के साथ कार्यालय में जमा करनी होगी। सभी आवेदनों की जांच के लिए निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो के अंतर्गत एक स्क्रीनिंग समिति गठित की गई है, जिसमें निर्यात, पर्यटन और सेवा क्षेत्र से जुड़े विभागों के अधिकारी शामिल होंगे।

योजना के तहत दावों को पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर मंजूरी दी जाएगी। स्वीकृत राशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाएगी, जो उपलब्ध बजट के अनुसार होगी। यदि किसी इकाई द्वारा गलत जानकारी दी जाती है या योजना का दुरुपयोग किया जाता है, तो पूरी राशि की वसूली की जाएगी और संबंधित इकाई को भविष्य में किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

Point of View

यह स्पष्ट है कि योगी सरकार की नई योजना एमएसएमई के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करती है। यह योजना न केवल प्रदेश के आर्थिक विकास में सहायक होगी, बल्कि युवाओं को भी रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगी। स्पष्ट दृष्टिकोण से, यह पहल उत्तर प्रदेश को एक आर्थिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य एमएसएमई को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जोड़ना और निर्यात को बढ़ावा देना है।
इस योजना के तहत वित्तीय सहायता कितनी है?
प्रति विदेशी प्रतिभागी 7,000 रुपए और एक कार्यक्रम के लिए अधिकतम 6 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
योजना का लाभ कौन ले सकता है?
योजना का लाभ वही एमआईसीई इवेंट ले सकेंगे जो पर्यटन मंत्रालय द्वारा मान्य हों।
आवेदन कब करना होगा?
कार्यक्रम शुरू होने से कम से कम 60 दिन पहले आवेदन करना होगा।
क्या गलत जानकारी देने पर दंड है?
यदि गलत जानकारी दी जाती है, तो पूरी राशि की वसूली की जाएगी।
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