क्या योगी सरकार ने विधानसभा में 24,496.98 करोड़ का अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया?
सारांश
Key Takeaways
- योगी सरकार ने 24,496.98 करोड़ का अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया है।
- बजट में विभिन्न क्षेत्रों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
- उद्देश्य विकास की निरंतरता और जनकल्याण है।
लखनऊ, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। योगी सरकार ने सोमवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 24,496.98 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट की प्रस्तुति के दौरान कहा कि यह अनुपूरक बजट प्रदेश में विकास की निरंतरता को बनाए रखने, आवश्यक क्षेत्रों में अतिरिक्त संसाधन प्रदान करने और बदलती जरूरतों के अनुसार योजनाओं को गति देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।
वित्त मंत्री ने बताया कि वर्ष 2025-26 के लिए प्रदेश का मूल बजट 8,08,736.06 करोड़ रुपए था, जबकि प्रस्तुत अनुपूरक बजट मूल बजट के अनुपात में 3.03 प्रतिशत है। अनुपूरक बजट को मिलाकर वित्तीय वर्ष 2025-26 का कुल बजट अब 8,33,233.04 करोड़ का हो गया है। यह बजट विकासात्मक प्राथमिकताओं को और भी मजबूती प्रदान करने पर केंद्रित है।
प्रस्तुत अनुपूरक बजट में राजस्व व्यय के रूप में 18,369.30 करोड़ रुपए और पूंजीगत व्यय के रूप में 6,127.68 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। सरकार का लक्ष्य राजस्व आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ पूंजीगत निवेश को बढ़ाकर आधारभूत संरचना को मजबूत करना है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि अनुपूरक बजट में प्रदेश की आर्थिक प्रगति और जनकल्याण से जुड़े प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। इसके तहत औद्योगिक विकास के लिए 4,874 करोड़ रुपए, पावर सेक्टर के लिए 4,521 करोड़ रुपए, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए 3,500 करोड़ रुपए, नगर विकास के लिए 1,758.56 करोड़ रुपए और तकनीकी शिक्षा के लिए 639.96 करोड़ रुपए की धनराशि प्रस्तावित की गई है।
अनुपूरक बजट में सामाजिक और भविष्य उन्मुख क्षेत्रों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। इसके अंतर्गत, महिला एवं बाल विकास के लिए 535 करोड़ रुपए, यूपीनेडा (सौर एवं नवीकरणीय ऊर्जा) के लिए 500 करोड़ रुपए, मेडिकल शिक्षा के लिए 423.80 करोड़ रुपए, गन्ना एवं चीनी मिल क्षेत्र के लिए 400 करोड़ रुपए की बजटीय व्यवस्था की गई है।
वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि योगी सरकार ने एफआरबीएम अधिनियम की सीमा का हमेशा पालन किया है और किसी भी स्तर पर वित्तीय अनुशासन से समझौता नहीं किया गया। भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश की जीडीपी 31.14 लाख करोड़ रुपए आंकी गई है, जो पहले के अनुमानों से अधिक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश आज रेवेन्यू सरप्लस स्टेट के रूप में उभर रहा है, जो राज्य की मजबूत आर्थिक स्थिति को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि जब किसी वित्तीय वर्ष में स्वीकृत धनराशि व्यय की वास्तविक आवश्यकताओं के लिए अपर्याप्त हो जाती है, तब अनुपूरक अनुदान की मांग विधानमंडल के समक्ष प्रस्तुत की जाती है। कई बार नई मदों पर व्यय की आवश्यकता होती है या योजनाओं में महत्वपूर्ण परिवर्तन के कारण विधानमंडल की स्वीकृति अनिवार्य हो जाती है।