फ्रंट फुट पर थे, तो फिर अचानक युद्ध विराम की घोषणा क्यों हुई? : खड़गे

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस अध्यक्ष ने पहलगाम आतंकी हमले पर सरकार की नीतियों की आलोचना की।
- युद्ध विराम की घोषणा के पीछे के कारणों पर सवाल उठाए गए।
- खड़गे ने शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की।
- राष्ट्रीय सुरक्षा पर बार-बार विफलता की बात की गई।
- खड़गे ने पीएम मोदी से स्पष्टता की मांग की।
नई दिल्ली, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की। वह मंगलवार को राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने सशस्त्र बलों पर गर्व करती है और उनके साहस को सलाम करती है। देश के हर नागरिक ने आर्मी के समर्थन में एकजुटता दिखाई। पूरे विपक्ष ने भी सरकार को समर्थन दिया। खड़गे ने बताया कि केवल चार दिनों में पाकिस्तानी गोलीबारी के कारण जम्मू के पुंछ और राजौरी में 27 भारतीय नागरिकों की जान चली गई, जिनमें 5 बच्चे भी शामिल थे। 70 लोग घायल हुए। इन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में सरकार की चूक रही।
खड़गे ने कहा कि 10 मई को युद्धविराम की घोषणा के बाद भाजपा के एक सांसद ने कहा कि पहलगाम में शहीदों की पत्नियों में वीरता का भाव नहीं था। इस पर खड़गे ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह महिलाओं के प्रति उनकी सोच और संवेदनशीलता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान देने वाले नेता को कान पकड़कर बाहर निकालना चाहिए।
खड़गे ने कहा कि मेहंदी लगे हाथों ने पति की लाश उठाई है, बेबस रोते बच्चों ने अपने पिता को मरते देखा है। पहलगाम घाटी में हमने अपने अपनों को मरते देखा है। पाकिस्तान के आतंकवाद को हम हमेशा निंदा करते आए हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी अपने दौरे के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को गले लगाते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब भाजपा के लोग सेना और शहीदों का अपमान कर रहे हैं, तो प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? खड़गे ने कहा कि पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। हम फ्रंट फुट पर थे, पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए थे। लेकिन अचानक युद्ध विराम की घोषणा क्यों हुई? यह सवाल उठता है कि यह घोषणा किसने की?
खड़गे ने कहा कि यह युद्ध विराम की घोषणा न तो प्रधानमंत्री ने की, न विदेश मंत्री ने, न रक्षा मंत्री ने, बल्कि इसे अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने किया। ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रुकवाया है।
खड़गे ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने 29 बार यह बात दोहराई है कि उन्होंने युद्ध को रोका। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से देश जानना चाहता है कि क्या कोई हमारा फाइटर जेट गिरा है।
खड़गे ने कहा कि पहलगाम हमले से तीन दिन पहले पीएम मोदी ने अपना दौरा रद्द कर दिया था। उन्होंने फिर से सरकार से सवाल किया कि क्या उन्हें हमले की आशंका थी? यदि हां, तो उन्होंने पर्यटकों को वहां क्यों जाने दिया?
खड़गे ने कहा कि 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम हमला हुआ। राहुल गांधी और मैंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर विशेष सत्र की मांग की, लेकिन हमें कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने सवाल किया, "किस शर्त पर यह सीजफायर हुआ? पाकिस्तान के बैकफुट होने के बावजूद इसे क्यों स्वीकार किया गया?"
खड़गे ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के साथ कोई देश खुलकर खड़ा नहीं हुआ। अमेरिका ने भी पाकिस्तान की निंदा नहीं की। 2016 में उरी और पठानकोट में आतंकी हमले हुए और अब 2025 में पहलगाम में। यह स्पष्ट है कि खुफिया विफलता और राष्ट्रीय सुरक्षा में विफलता बार-बार हो रही है। उन्होंने गृह मंत्री से पूछा कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है।