क्या युवा पीढ़ी को आपातकाल के काले अध्याय को नहीं भूलना चाहिए? : वीरेंद्र सचदेवा

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क्या युवा पीढ़ी को आपातकाल के काले अध्याय को नहीं भूलना चाहिए? : वीरेंद्र सचदेवा

सारांश

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इमरजेंसी के 50 वर्ष पर चर्चा की। उन्होंने नई पीढ़ी को आपातकाल के महत्व को समझने की बात कही और ग्रीन पटाखों के मुद्दे पर भी प्रकाश डाला।

Key Takeaways

  • आपातकाल का काला अध्याय याद रखना चाहिए।
  • नई पीढ़ी को लोकतंत्र के मूल्यों को समझना चाहिए।
  • ग्रीन पटाखों का उपयोग पर्यावरण की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने शनिवार को 'इमरजेंसी के 50 वर्ष' कार्यक्रम में भाग लेते हुए उस आपातकाल के दौर को याद किया और नई पीढ़ी को इसके बारे में जागरूक करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि हमें उस काले अध्याय को नहीं भूलना चाहिए, जब संविधान और लोकतंत्र का गला घोटा गया था। भाजपा इस इतिहास को हमेशा जीवित रखेगी ताकि युवा पीढ़ी लोकतंत्र के मूल्यों को समझ सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न मंचों पर इस मुद्दे को उठाया है और संविधान दिवस मनाकर इसके महत्व को रेखांकित किया है।

वीरेंद्र सचदेवा ने आगे कहा कि आपातकाल का दौर भारतीय लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण पाठ है। मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे इस ऐतिहासिक घटना को समझें और संविधान के प्रति अपनी जिम्मेदारी को पहचानें।

उन्होंने दिल्ली में ग्रीन पटाखों के मुद्दे पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों से संबंधित मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा है और दिल्लीवासियों को उम्मीद है कि इस बार दिवाली पर ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति मिलेगी।

उन्होंने कहा, "हमें विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला दिल्लीवासियों के हक में होगा, जिससे वे इस बार दिवाली पूरे उत्साह के साथ मना सकेंगे। हमारी सरकार का भी यही प्रयास है कि दिल्लीवासी पर्यावरण के साथ-साथ अपनी परंपराओं का भी सम्मान करें।"

उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया है कि धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने भी संकेत दिए हैं कि ग्रीन पटाखों के उपयोग को लेकर कुछ छूट दी जा सकती है। पर्यावरण और परंपराओं के बीच संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण है। हमारी अपील है कि दिल्लीवासी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करें और पर्यावरण के प्रति जागरूक रहें।

उन्होंने कहा, "हमें पूरी उम्मीद है कि इस बार दिल्लीवासी पर्यावरण के अनुकूल ग्रीन पटाखों के साथ दिवाली का त्योहार धूमधाम से मना पाएंगे।"

Point of View

हम सभी को यह समझना होगा कि इतिहास से सीखना जरूरी है। आपातकाल की घटनाएं हमें लोकतंत्र के महत्व को समझाती हैं। हमें नई पीढ़ी को इस बारे में जागरूक करना चाहिए ताकि हम भविष्य में ऐसी घटनाओं से बच सकें।
NationPress
11/10/2025

Frequently Asked Questions

आपातकाल क्या है?
आपातकाल वह समय था जब भारत सरकार ने संविधान को निलंबित कर दिया था और लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया था।
वीरेंद्र सचदेवा ने क्या कहा?
उन्होंने नई पीढ़ी को आपातकाल के महत्व को समझने और संविधान के प्रति जिम्मेदारी पहचानने की अपील की।
ग्रीन पटाखों का क्या महत्व है?
ग्रीन पटाखे पर्यावरण के अनुकूल होते हैं और इन्हें जलाने से प्रदूषण कम होता है।