क्या जुबिन गर्ग मौत मामले में अमृतप्रभा महंत और शेखरज्योति गोस्वामी को कोर्ट में पेश किया जाएगा?

सारांश
Key Takeaways
- जुबिन गर्ग की मौत ने पूरे देश को हिला दिया है।
- पुलिस ने अमृतप्रभा महंत और शेखरज्योति गोस्वामी को गिरफ्तार किया।
- अदालत में पेशी के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
- बकसा जेल के बाहर तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।
- प्रशासन ने सार्वजनिक आयोजनों पर रोक लगाई है।
गुवाहाटी, १७ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सिंगापुर में एक दुखद घटना में प्रसिद्ध गायक जुबिन गर्ग की मृत्यु ने सम्पूर्ण देश को हिला दिया है। इस मामले की पुलिस जांच जारी है और कई व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है। हाल ही में जुबिन गर्ग के साथ काम करने वाले दो अन्य व्यक्तियों, गायक अमृतप्रभा महंत और बैंड के साथी शेखरज्योति गोस्वामी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उनकी पुलिस हिरासत शुक्रवार को समाप्त हो रही है, इसलिए उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा।
इस मामले ने न केवल कानूनी प्रक्रिया को तेज कर दिया है बल्कि सामाजिक स्तर पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों की संवेदनाएं गहरी हैं और इसलिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं ताकि कहीं कोई अप्रिय घटना न हो।
जुबिन गर्ग की १९ सितंबर को सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान समुद्र में डूबने से मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि अमृतप्रभा महंत और शेखरज्योति गोस्वामी उसी यॉट पर मौजूद थे। इस वजह से उन्हें कामरूप जिले के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा। पुलिस ने सुरक्षा को बढ़ा दिया है और भारी संख्या में जवान तैनात किए गए हैं ताकि अदालत में पेशी के दौरान कोई दिक्कत न हो।
मामला इतना संवेदनशील है कि प्रशासन पूरी सतर्कता से काम कर रहा है।
बता दें कि बकसा जिला जेल के बाहर हालात उस वक्त तनावपूर्ण हो गए, जब जुबिन गर्ग मौत मामले के पांच अन्य आरोपी भारी पुलिस सुरक्षा के साथ जेल लाए गए। बड़ी संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। लोग गुस्से में थे और उन्होंने अपने आक्रोश का इजहार पत्थर फेंककर किया। पुलिसकर्मियों को भी चोटें आईं, जिसमें एक महिला अधिकारी भी घायल हुईं। कई पुलिस वाहनों को भी नुकसान पहुंचा। इस प्रदर्शन के दौरान माहौल इतना खराब हो गया कि जिला प्रशासन को तुरंत कड़े कदम उठाने पड़े।
प्रशासन ने भड़की हुई स्थिति को देखते हुए बकसा जेल के आसपास ५०० मीटर के दायरे में सभी तरह के सार्वजनिक आयोजनों, रैलियों, जुलूसों और प्रदर्शनों पर रोक लगा दी है। इसके अलावा हथियार लेकर चलने, पत्थर फेंकने, आग लगाने वाली चीजें फेंकने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। यह कदम शांति बनाए रखने और किसी भी तरह की हिंसा को रोकने के लिए उठाया गया है।