क्या भारत इस वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर प्राप्त करेगा? जीएसटी सुधारों का प्रभाव : नीति आयोग के डॉ. अरविंद विरमानी

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क्या भारत इस वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर प्राप्त करेगा? जीएसटी सुधारों का प्रभाव : नीति आयोग के डॉ. अरविंद विरमानी

सारांश

क्या भारत आर्थिक चुनौतियों के बावजूद इस वित्त वर्ष में 6.5% की जीडीपी वृद्धि दर हासिल कर पाएगा? नीति आयोग के डॉ. अरविंद विरमानी के अनुसार, जीएसटी सुधारों का दीर्घकालिक विकास दर पर सकारात्मक असर होगा। जानें इस पर उनकी विस्तृत राय और भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत की जीडीपी इस वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर की उम्मीद है।
  • जीएसटी 2.0 जैसे सुधारों का दीर्घकालिक विकास पर सकारात्मक प्रभाव होगा।
  • भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है।
  • केंद्रीय बजट में कई सकारात्मक उपाय किए गए हैं।
  • अनिश्चितता का दायरा बड़ा है, लेकिन सुधार जारी हैं।

नई दिल्ली, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। नीति आयोग के सदस्य डॉ. अरविंद विरमानी ने गुरुवार को कहा कि भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और शुल्कों के बावजूद, भारत इस वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर प्राप्त करने की उम्मीद करता है। उन्होंने यह भी बताया कि जीएसटी 2.0 जैसे सुधारों का दीर्घकालिक विकास दर पर निश्चित रूप से सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। पिछले पांच वर्षों ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक झटकों को झेलने में अत्यधिक मजबूत है।

न्यूज एजेंसी राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में, अनुभवी अर्थशास्त्री ने बताया कि उन्होंने जीएसटी सुधार पर लंबे समय तक काम किया है और इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

उन्होंने कहा, "केंद्रीय बजट में कई सकारात्मक उपायों की घोषणा की गई थी और आयकर सुधार एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे, जिसे संसद ने पारित कर दिया है। जीएसटी सुधार भी अनुपालन को सरल बनाने और ईज-ऑफ डूइंग बिजनेस की बड़ी योजना का हिस्सा हैं।"

अर्थशास्त्री ने कहा, "बेशक, सरलीकरण की दक्षता और सकारात्मक कर प्रभाव व अनुपालन प्रभाव सामने आने में समय लगता है, लेकिन मुझे यकीन है कि ये परिणाम अवश्य आएंगे।"

उन्होंने कहा कि इनकी प्रत्याशा में, "बाजार हमेशा यही कहेगा कि इसका कुछ असर दिखना शुरू हो गया है।"

जीडीपी के पूर्वानुमान पर, उन्होंने कहा कि कई विशेषज्ञ शुरू से ही कह रहे हैं कि इस वर्ष जीडीपी लगभग 6.5 प्रतिशत ऊपर या नीचे रहेगी, हालांकि, अनिश्चितता का एक बड़ा दायरा है।

विरमानी के अनुसार, 50 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ एक झटके के रूप में आया, लेकिन जीएसटी जैसे प्रभावशाली सुधार नीतिगत और संस्थागत, दोनों मोर्चों पर महत्वपूर्ण हैं।

अर्थशास्त्री ने आगे कहा, "ऐसे कई सुधार हुए हैं और अन्य प्रक्रिया में हैं।"

उन्होंने राष्ट्र प्रेस को बताया, "इसलिए, कुल मिलाकर, मुझे लगता है कि हम इस वर्ष भी 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करेंगे। अनिश्चितता का एक बड़ा दायरा है, इसलिए यह 0.5 प्रतिशत ऊपर या नीचे या उससे भी अधिक हो सकता है। अनिश्चितता वास्तव में बढ़ गई है।"

अर्थशास्त्रियों ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही) में अभूतपूर्व 7.8 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर की सराहना की है, जो आरबीआई और अन्य संस्थानों द्वारा लगाए गए 6.5 से 6.7 प्रतिशत के अनुमान से कहीं अधिक है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत की अर्थव्यवस्था मौजूदा चुनौतियों के बावजूद मजबूती से आगे बढ़ रही है। डॉ. अरविंद विरमानी की राय में जीएसटी सुधारों से निश्चित रूप से दीर्घकालिक लाभ होंगे। हमें इन सुधारों को आगे बढ़ाने और वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में अपनी स्थिति को मजबूत करने की दिशा में कार्य करना चाहिए।
NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत की जीडीपी वृद्धि दर क्या होगी?
डॉ. अरविंद विरमानी के अनुसार, भारत इस वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर हासिल कर सकता है।
जीएसटी सुधारों का क्या प्रभाव होगा?
जीएसटी सुधारों का दीर्घकालिक विकास दर पर निश्चित रूप से सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
क्या भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक झटकों को सहन कर सकती है?
पिछले पांच वर्षों ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक झटकों को सहन करने में सक्षम है।