क्या अगले दो वर्षों में जीसीसी द्वारा भारत के ऑफिस स्पेस लीजिंग में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है?

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क्या अगले दो वर्षों में जीसीसी द्वारा भारत के ऑफिस स्पेस लीजिंग में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है?

सारांश

भारत के कमर्शियल रियल एस्टेट में जीसीसी का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। क्या यह सच है कि अगले दो वर्षों में लीजिंग में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि होगी? जानें इस रिपोर्ट में जो इस क्षेत्र के भविष्य के बारे में रोचक जानकारी प्रदान करती है।

Key Takeaways

  • जीसीसी का कमर्शियल रियल एस्टेट में बढ़ता प्रभाव।
  • 15 से 20 प्रतिशत की लीजिंग वृद्धि की संभावना।
  • भारत के टॉप सात शहरों में 100 मिलियन वर्ग फुट लीजिंग।
  • टेक्नोलॉजी फर्मों का 37 प्रतिशत योगदान।
  • बेंगलुरु और हैदराबाद का 60 प्रतिशत योगदान।

मुंबई, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के कमर्शियल रियल एस्टेट क्षेत्र में वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) एक प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं और अगले दो वर्षों में जीसीसी द्वारा लीजिंग में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद जताई गई है। यह जानकारी हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में सामने आई है।

रियल एस्टेट सर्विस फर्म कोलियर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, जीसीसी द्वारा 2027 तक 60-65 मिलियन वर्ग फुट ग्रेड ए ऑफिस स्पेस लीज पर लिए जाने की संभावना है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इन केंद्रों ने वर्ष 2021 से भारत के टॉप सात शहरों में लगभग 100 मिलियन वर्ग फुट लीज पर लिए हैं, जो कुल ऑफिस मांग का 36 प्रतिशत है। ग्लोबल कॉर्पोरेट्स द्वारा लीजिंग गतिविधि 2025 तक 28 मिलियन वर्ग फुट तक पहुंचने की उम्मीद है, जो 2021 के आंकड़े से लगभग दोगुना है।

इसके अलावा, कुल ऑफिस लीजिंग में जीसीसी की हिस्सेदारी, जो 2022 में 30 प्रतिशत से कम थी, 2025 में तेजी से बढ़कर लगभग 40 प्रतिशत होने की संभावना है।

कोलियर्स इंडिया के ऑफिस सर्विसेज मैनेजिंग डायरेक्टर, अर्पित मेहरोत्रा ने कहा, "भारत में क्षमता केंद्र लगातार इननोवेशन-ड्रिवन, क्षेत्र-विशिष्ट और तकनीकी रूप से इंटीग्रेटेड केंद्रों के रूप में विकसित हो रहे हैं। ये केंद्र भारत की 40 प्रतिशत से अधिक ऑफिस स्पेस मांग को उत्पन्न कर सकते हैं।"

जीसीसी की मांग में टेक्नोलॉजी फर्मों का योगदान 37 प्रतिशत रहा, जो चार्ट में सबसे आगे है। बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विस और इंजीनियरिंग क्षेत्र तेजी से विस्तार कर रहे हैं, जो भविष्य की लीजिंग में 40-50 प्रतिशत का योगदान दे सकते हैं।

बढ़ते आरएंडडी और प्रोडक्ट इंजीनियरिंग की आवश्यकताओं के कारण जीसीसी में इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग ऑक्यूपायर्स की हिस्सेदारी 11 प्रतिशत से 17 प्रतिशत तक बढ़ गई है।

2021 से जीसीसी गतिविधियों में बेंगलुरु और हैदराबाद का योगदान 60 प्रतिशत रहा है। चेन्नई में इस वर्ष 2021 की तुलना में जीसीसी लीजिंग में 5.3 गुना वृद्धि देखी गई है।

कोलियर्स इंडिया में नेशनल डायरेक्टर और रिसर्च हेड विमल नादर ने कहा, "जीसीसी अपने वर्कप्लेस पोर्टफोलियो में अधिक मापनीयता और तेजी चाहते हैं। इसलिए फ्लेक्स स्पेस में भी तेजी आने की उम्मीद है। साथ ही, टियर II शहरों में लागत अंतर, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और प्रतिभा की उपलब्धता के कारण जीसीसी गतिविधियों में लगातार वृद्धि देखने को मिल सकती है।"

2021 से अमेरिका स्थित कंपनियों ने पारंपरिक रूप से कुल जीसीसी अब्सॉर्प्शन का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा लिया है।

हाल के वर्षों में, यूके, ईएमईए और एपीएसी क्षेत्रों की जीसीसी ने भी अपना विस्तार किया है और भारत में अपनी उपस्थिति को लगातार मजबूत किया है।

Point of View

यह कहना उचित है कि जीसीसी का बढ़ता प्रभाव भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र में एक सकारात्मक संकेत है। यह न केवल ऑफिस स्पेस की मांग को बढ़ाएगा बल्कि आर्थिक विकास में भी योगदान देगा। हमें इस क्षेत्र में सतर्कता से नजर रखनी चाहिए।
NationPress
17/09/2025

Frequently Asked Questions

जीसीसी क्या है?
जीसीसी का मतलब वैश्विक क्षमता केंद्र है, जो कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण संचालन स्थल है।
भारत में जीसीसी का प्रभाव क्या है?
जीसीसी भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी से बढ़ता हुआ एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता है।
क्या जीसीसी की लीजिंग में वृद्धि होगी?
हां, रिपोर्ट के अनुसार, अगले दो वर्षों में जीसीसी द्वारा लीजिंग में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है।
कौन से शहरों में जीसीसी की गतिविधि अधिक है?
बेंगलुरु और हैदराबाद में जीसीसी की गतिविधि में प्रमुख योगदान है।
भविष्य में जीसीसी के लिए क्या संभावनाएं हैं?
जीसीसी के लिए तकनीकी क्षेत्र और इंजीनियरिंग में वृद्धि की संभावना है, जो लीजिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।