क्या जीएसटी सुधार से सीमेंट कंपनियों का ऑपरेटिंग मुनाफा 100-150 रुपए प्रति टन बढ़ने का अनुमान है?

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क्या जीएसटी सुधार से सीमेंट कंपनियों का ऑपरेटिंग मुनाफा 100-150 रुपए प्रति टन बढ़ने का अनुमान है?

सारांश

सीमेंट कंपनियों के लिए एक नई रिपोर्ट में जीएसटी में कटौती के प्रभाव पर चर्चा की गई है। इस बदलाव से कंपनियों का ऑपरेटिंग मुनाफा 100 से 150 रुपए प्रति टन बढ़ने की संभावना है। यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे यह सुधार निर्माण क्षेत्र को प्रभावित करेगा।

Key Takeaways

  • सीमेंट कंपनियों का मुनाफा बढ़ने की संभावना है।
  • ग्रामीण आवास में निर्माण खर्च में कमी आएगी।
  • ब्याज, कर, मूल्यह्रास से पहले लाभ में वृद्धि होगी।
  • उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा।
  • बड़े सीमेंट उत्पादकों की क्रेडिट प्रोफाइल स्थिर रहेगी।

नई दिल्ली, 23 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती के चलते सीमेंट कंपनियों का ऑपरेटिंग मुनाफा 100 से 150 रुपए प्रति टन बढ़ने की संभावना है। यह जानकारी मंगलवार को एक रिपोर्ट में प्रकाशित की गई।

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इस सरकारी कदम से ग्रामीण आवास के निर्माण में कुल खर्च में 0.8 से 1 प्रतिशत की कमी आएगी, जिससे निर्माण कार्य की मात्रा में वृद्धि और क्षमता में सुधार होगा।

सीमेंट की मांग में सुधार के चलते, वित्त वर्ष 26 में सीमेंट की औसत प्राप्ति (जीएसटी को हटाकर एक्स-फैक्ट्री कीमत) में 3 से 5 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है, जबकि इनपुट कीमतें सीमित रहने की संभावना है।

इसके अलावा, वित्त वर्ष 26 में ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले परिचालन लाभ (ओपीबीआईडीटीए) 12 से 18 प्रतिशत बढ़कर 900 से 950 रुपए प्रति मीट्रिक टन होने की आशा है।

हालांकि कुछ क्षेत्रों में मानसून जल्दी आया है, लेकिन आवास और इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों की मजबूत मांग के चलते वित्त वर्ष 26 के पहले 5 महीनों में सीमेंट की मात्रा में 8.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।

चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में सीमेंट की कीमतों में सालाना आधार पर 7.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसमें उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में मुख्य वृद्धि हुई है।

रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में सरकार द्वारा सीमेंट पर जीएसटी दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने से ग्राहकों को लाभ मिलने की उम्मीद है, और वर्तमान में सीमेंट की औसत खुदरा कीमत 350 से 360 रुपए प्रति बैग के बीच है, जिससे उपभोक्ताओं को प्रति बैग 26 से 28 रुपए का लाभ होने का अनुमान है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 में कमजोर प्राप्तियों के कारण ओपीबीआईडीटीए/एमटी में सालाना आधार पर 16 प्रतिशत की गिरावट आई थी।

कुल मिलाकर, बड़े सीमेंट उत्पादकों की क्रेडिट प्रोफाइल स्थिर रहने की उम्मीद है, जो परिचालन आय में वृद्धि, परिचालन मार्जिन में सुधार और सुविधाजनक लीवरेज मेट्रिक्स के कारण संभव है।

हाल के वर्षों में इस उद्योग में समेकन देखा गया है, और मध्यम अवधि में बड़ी कंपनियों का प्रदर्शन मध्यम आकार की कंपनियों की तुलना में बेहतर रहने की उम्मीद है।

आईसीआरए की कॉर्पोरेट रेटिंग्स की उपाध्यक्ष और सह-समूह प्रमुख, अनुपमा रेड्डी ने कहा, "आईसीआरए का अनुमान है कि मार्च 2026 तक कुल बिजली उत्पादन में हरित ऊर्जा का योगदान 43 से 45 प्रतिशत होगा, जबकि मार्च 2023 तक यह लगभग 35 प्रतिशत था।"

Point of View

क्योंकि इससे निर्माण क्षेत्र में संभावित सुधार और उपभोक्ताओं को मिलने वाले लाभ का पता चलता है। यह कदम न केवल सीमेंट कंपनियों के लिए, बल्कि समग्र अर्थव्यवस्था के लिए भी फायदेमंद हो सकता है।
NationPress
24/09/2025

Frequently Asked Questions

जीएसटी में कटौती से सीमेंट कंपनियों को क्या लाभ होगा?
जीएसटी में कटौती से सीमेंट कंपनियों का ऑपरेटिंग मुनाफा 100 से 150 रुपए प्रति टन बढ़ने की संभावना है।
वित्त वर्ष 26 में सीमेंट की औसत प्राप्ति में क्या बदलाव आएगा?
वित्त वर्ष 26 में सीमेंट की औसत प्राप्ति में 3 से 5 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।