क्या उत्तर प्रदेश में बाल विवाह रोकने के लिए सामूहिक संकल्प लिया गया?
सारांश
Key Takeaways
- बाल विवाह के खिलाफ सामूहिक शपथ लेना।
- प्रधानमंत्री मोदी का प्रेरणादायक संबोधन।
- बालिकाओं को शिक्षा और सुरक्षा का महत्व समझाना।
- समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता।
- सशक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए बालिकाओं का सशक्तिकरण।
ग्रेटर नोएडा, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वीर साहिबजादों की अमर शहादत को श्रद्धांजलि देने हेतु वीर बाल दिवस के अवसर पर जनपद गौतम बुद्ध नगर में शैक्षणिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस मौके पर जिले के विभिन्न सरकारी, निजी एवं सामाजिक संस्थानों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रेरणादायक संबोधन सजीव प्रसारण के माध्यम से सुना गया, जिसमें बच्चों, किशोरियों एवं स्टाफ ने सक्रियता से भाग लिया।
राजकीय बालिका इंटर कॉलेज होशियारपुर, सेक्टर-51 नोएडा, राजकीय बालिका गृह सेक्टर-62 नोएडा सहित जनपद के सभी राजकीय एवं स्वैच्छिक संस्थानों, आंगनबाड़ी केंद्रों तथा निजी व सरकारी विद्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में गुरु गोबिंद सिंह के वीर साहिबजादों के अदम्य साहस, बलिदान और राष्ट्रभक्ति का स्मरण करते हुए कहा कि देश का भविष्य आज के बच्चों और युवाओं के हाथों में है। उन्होंने समाज से कुरीतियों को समाप्त करने, विशेषकर बालिकाओं की शिक्षा, सुरक्षा और सशक्तिकरण पर जोर दिया।
कार्यक्रम के दौरान बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया गया। कार्यक्रम में उपस्थित बालिकाओं, शिक्षिकाओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं अन्य स्टाफ सदस्यों ने बाल विवाह की पूर्ण रोकथाम के लिए सामूहिक शपथ ली। सभी ने संकल्प लिया कि वे स्वयं बाल विवाह नहीं करेंगे, न ही इसे अपने आस-पास होने देंगे और समाज में इसके खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
बालिकाओं ने पूरे अनुशासन, उत्साह और गंभीरता के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। अधिकारियों एवं शिक्षकों ने उन्हें उनके अधिकारों, शिक्षा के महत्व, स्वास्थ्य, सुरक्षा और उज्ज्वल भविष्य के प्रति जागरूक किया। वहीं, वक्ताओं ने कहा कि बालिकाओं को शिक्षित और सशक्त बनाकर ही एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण संभव है।
कार्यक्रम में बाल संरक्षण अधिकारी विभा त्रिपाठी, चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के अध्यक्ष डॉ. केसी विरमानी, चाइल्ड लाइन कोऑर्डिनेटर, स्कूलों के प्रधानाचार्य, शिक्षक-शिक्षिकाएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं बड़ी संख्या में बालक-बालिकाएं उपस्थित रहे।