क्या हरियाणा में मनाया गया राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस? केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने 'स्पेस के स्कोप' की अहमियत समझाई

सारांश
Key Takeaways
- राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 23 अगस्त को मनाया जाता है।
- इस दिन चंद्रयान-3 ने चाँद पर लैंड किया।
- केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने बच्चों को स्पेस के स्कोप के बारे में समझाया।
- प्रधानमंत्री मोदी का वीडियो संदेश प्रस्तुत किया गया।
- इसरो के वैज्ञानिकों ने बच्चों को अंतरिक्ष विज्ञान की जानकारी दी।
करनाल, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पूरे देश में 'राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस' को बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर हरियाणा के करनाल में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर 'मंगल सेन ऑडिटोरियम' में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
कार्यक्रम में प्रदेश के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने भी भाग लिया। इस मौके पर विद्यालय के छात्र और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अधिकारी भी उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देशवासियों के लिए भेजा गया वीडियो संदेश भी स्क्रीन पर प्रदर्शित किया गया।
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने इस दिन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, "23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई है। 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 चाँद पर उतरा था। विक्रम लैंडर को चाँद पर स्थापित किया गया था। छात्रों और आम जनता को अंतरिक्ष के विषय में जानकारी देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।"
उन्होंने बच्चों को 'स्पेस के स्कोप' और इसके दैनिक जीवन में उपयोगिता के बारे में बताया। वैज्ञानिकों के योगदान को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, "हमारे देश में वैज्ञानिकों का हर क्षेत्र में योगदान है।" इसके साथ ही, उन्होंने सभी वैज्ञानिकों को बधाई भी दी।
बाद में, उन्होंने एक्स पर इस कार्यक्रम के बारे में अपने विचार साझा किए। उन्होंने लिखा, "करनाल में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर भाग लेने का अवसर मिला। इस बार स्पेस डे की थीम 'आर्यभट्ट से गगनयान तक' है। यह अतीत का आत्मविश्वास और भविष्य का संकल्प दर्शाती है। यह गर्व की बात है कि इतने कम समय में, राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस हमारे युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।"
पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व का परिणाम है कि भारत स्पेस सेक्टर में लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है, चाहे वह चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुँचने वाला पहला देश बनना हो या स्पेस में डॉकिंग और अनडॉकिंग क्षमता रखने वाला चौथा देश बनना हो। भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है।
इसरो के विधुत कुमार ने कहा कि हमने स्कूली बच्चों को इसरो की सफलताओं के बारे में जानकारी दी। उन्हें यह भी बताया गया कि रॉकेट लॉन्चिंग के अलावा इसका दैनिक जीवन में क्या महत्व है, ये समझना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वह चंद्रयान-1 और मंगलयान में शामिल थे और सेवानिवृत्त होने के बाद बच्चों के साथ अंतरिक्ष से जुड़ी जानकारियाँ साझा कर रहे हैं।