क्या जेन जी अल्कोहल से दूरी बना रहा है? 36 प्रतिशत युवाओं ने कभी नहीं पी शराब: रिपोर्ट
सारांश
Key Takeaways
- जेनरेशन जेड में शराब से दूरी का ट्रेंड बढ़ रहा है।
- 36 प्रतिशत युवा कानूनी उम्र में भी शराब नहीं पीते।
- स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता 87 प्रतिशत युवाओं के शराब नहीं पीने का कारण है।
- भारत में शराब की खपत 2024 से 2029 के बीच बढ़ने की संभावना है।
- नॉन-अल्कोहल स्पिरिट्स की मांग में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दुनिया भर के युवा वर्ग में शराब से दूरी बनाने का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। विशेष रूप से जेनरेशन जेड, जो 1997 से 2012 के बीच जन्मे हैं, में यह बदलाव सबसे अधिक दिखाई दे रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कानूनी उम्र के 36 प्रतिशत युवाओं ने कभी भी शराब का सेवन नहीं किया है।
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस बदलाव का मुख्य कारण स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता है। 87 प्रतिशत युवाओं ने बताया कि वे शराब नहीं पीते क्योंकि वे अपने स्वास्थ्य को बनाए रखना चाहते हैं और भविष्य में गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम करना चाहते हैं। 30 प्रतिशत ने कहा कि वे पैसे बचाने के लिए शराब से दूर रहते हैं, जबकि 25 प्रतिशत लोग बेहतर नींद के लिए शराब का सेवन नहीं करते।
रिपोर्ट में एक नया ट्रेंड जिसका नाम 'जेबरा स्ट्रिपिंग' है, का भी उल्लेख किया गया है। इसका अर्थ है कि लोग पार्टी या सामाजिक अवसरों पर अल्कोहल और गैर-अल्कोहल पेयों का सेवन करते हैं। यह तरीका उन्हें शराब की मात्रा कम करने और संयम बनाए रखने में मदद करता है।
इस प्रवृत्ति के कारण, नियमित रूप से शराब पीने वालों की संख्या में भी कमी आई है। 2025 में केवल 17 प्रतिशत लोग हर हफ्ते शराब का सेवन करेंगे, जबकि 2020 में यह आंकड़ा 23 प्रतिशत था।
रिपोर्ट के अनुसार, जो लोग कभी-कभी शराब पीते हैं, उनमें से 53 प्रतिशत अब शराब की खपत कम करने का प्रयास कर रहे हैं। यह संख्या पांच साल पहले केवल 44 प्रतिशत थी। साथ ही, जिन लोगों ने कभी शराब नहीं पी, उनकी संख्या भी 2020 के बाद 3 प्रतिशत बढ़ गई है।
हालांकि, वैश्विक स्तर पर शराब की बिक्री अभी भी बहुत बड़ी है। 2024 में दुनिया भर में शराब की कुल खपत 253 बिलियन लीटर तक पहुंचने की उम्मीद है, लेकिन इसका विकास बहुत धीमा हो गया है।
वहीं रिपोर्ट के अनुसार, भारत में शराब की खपत 2024 से 2029 के बीच 357 मिलियन लीटर बढ़ने की संभावना है। इससे भारत दुनिया में तेजी से बढ़ने वाला शराब बाजार बन रहा है। हालांकि, यह बदलाव वैश्विक प्रवृत्ति के विपरीत है, जहां युवा वर्ग शराब से दूर हो रहे हैं।
रिपोर्ट ने नॉन-अल्कोहल स्पिरिट्स की बढ़ती मांग पर भी प्रकाश डाला है। शराब की बिक्री में केवल 0.6 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी हुई और इसका कुल बाजार मूल्य 1.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचा, वहीं नॉन-अल्कोहल स्पिरिट्स की बिक्री 17 प्रतिशत बढ़ी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 से 2029 तक यह बाजार 24 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है और 2029 तक यह 10.2 बिलियन लीटर से अधिक हो जाएगा।