क्या वीआई को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत के बाद एजीआर बकाए का मुद्दा सुलझेगा?

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क्या वीआई को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत के बाद एजीआर बकाए का मुद्दा सुलझेगा?

सारांश

सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन-आइडिया को राहत देते हुए केंद्र सरकार को 9,450 करोड़ रुपए के एजीआर बकाए पर पुनर्विचार करने की अनुमति दी है। क्या यह निर्णय दूरसंचार क्षेत्र में स्थिरता लाएगा? जानिए इस महत्वपूर्ण मामले के नए मोड़ के बारे में।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट का निर्णय वोडाफोन-आइडिया के लिए राहत का संकेत है।
  • केंद्र सरकार को 9,450 करोड़ रुपए के एजीआर बकाए पर पुनर्विचार करने की अनुमति।
  • यह निर्णय 20 करोड़ उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया।
  • दूरसंचार उद्योग में संभावित स्थिरता का संकेत।
  • केंद्र सरकार ने मामले में रुचि दिखाई है।

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। देश की प्रमुख दूरसंचार कंपनियों में से एक वोडाफोन-आइडिया (वीआई) को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से राहत भरी सूचना मिली। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को वीआई के 9,450 करोड़ रुपए के एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) बकाए पर पुनर्विचार करने की अनुमति दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह निर्णय दूरसंचार कंपनी के 20 करोड़ उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों को सुनते हुए यह आदेश दिया। मेहता ने अदालत को बताया कि सरकार ने दूरसंचार कंपनी में 49 प्रतिशत तक का इक्विटी निवेश किया है और यह निर्णय 20 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं की चिंताओं को देखते हुए लिया गया है।

बता दें, 2019 के एक ऐतिहासिक फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की एजीआर की परिभाषा को सही ठहराया और केंद्र को 92,000 करोड़ रुपए का बकाया वसूलने की अनुमति दी थी, जो वोडाफोन और भारती एयरटेल जैसी प्रमुख दूरसंचार कंपनियों के लिए एक बड़ा झटका था।

वोडाफोन की नई याचिका में दूरसंचार विभाग द्वारा उठाई गई 9,450 करोड़ रुपए की नई एजीआर मांग का मुद्दा उठाया गया है। याचिका में तर्क दिया गया है कि मांग का एक बड़ा हिस्सा 2017 से पहले की अवधि का है, जिसका निपटारा सुप्रीम कोर्ट पहले ही कर चुका है।

भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि सरकार द्वारा वोडाफोन में इक्विटी निवेश करने के कारण मामले की "परिस्थितियों में भारी बदलाव" आया है।

उन्होंने कहा, "सरकार का हित जनहित है और 20 करोड़ उपभोक्ता हैं। अगर इस कंपनी को नुकसान होता है, तो इससे उपभोक्ताओं के लिए समस्याएं पैदा होंगी।"

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि केंद्र इस मुद्दे की जांच करने को तैयार है।

शीर्ष अदालत ने कहा, "अगर अदालत अनुमति दे तो सरकार पुनर्विचार करने और उचित निर्णय लेने को भी तैयार है। इन विशिष्ट तथ्यों को देखते हुए, हमें सरकार द्वारा इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने में कोई बाधा नहीं दिखती। हम स्पष्ट करते हैं कि यह नीतिगत मामला है, ऐसा कोई कारण नहीं है कि केंद्र को ऐसा करने से रोका जाए।"

Point of View

मैं यह मानता हूँ कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय न केवल वोडाफोन-आइडिया के लिए बल्कि पूरे दूरसंचार उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है। यदि यह बकाया सुलझा जाता है, तो इससे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिलेंगी और उद्योग में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
NationPress
27/10/2025

Frequently Asked Questions

सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर बकाए पर क्या निर्णय लिया?
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को वोडाफोन-आइडिया के 9,450 करोड़ रुपए के एजीआर बकाए पर पुनर्विचार करने की अनुमति दी है।
क्या यह निर्णय वोडाफोन-आइडिया के उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद है?
हाँ, इस निर्णय से वीआई के 20 करोड़ उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा होगी।
एजीआर बकाए का मुद्दा क्या है?
एजीआर बकाए का मुद्दा दूरसंचार कंपनियों द्वारा सरकार को दिए जाने वाले राजस्व से संबंधित है।
क्या यह निर्णय दूरसंचार उद्योग में स्थिरता लाएगा?
यह निर्णय दूरसंचार उद्योग में स्थिरता लाने में मदद कर सकता है।
केंद्र सरकार का इस मामले में क्या कहना है?
केंद्र सरकार ने कहा है कि वे इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने के लिए तैयार हैं।