क्या प्रतिदिन ७ हजार कदम चलने से कैंसर, डिप्रेशन और मृत्यु का खतरा कम होता है?

सारांश
Key Takeaways
- ७,००० कदम चलने से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा कम होता है।
- हर दिन चलना मृत्यु के जोखिम को ५० प्रतिशत तक घटा सकता है।
- यह लक्ष्य कम सक्रिय लोगों के लिए प्रभावी है।
- केवल ४,००० कदम चलने से भी स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- यह अध्ययन भविष्य की पब्लिक हेल्थ गाइडलाइंस को प्रभावित कर सकता है।
नई दिल्ली, २४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। द लैंसेट पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक नवीनतम अध्ययन के अनुसार, हर दिन ७,००० कदम चलना कैंसर, डायबिटीज, डिप्रेशन, और डिमेंशिया जैसे गंभीर स्वास्थ्य खतरों को कम करने में सहायक हो सकता है।
इस अध्ययन में ५७ विभिन्न शोधों का विश्लेषण किया गया, जिसमें १,६०,००० से अधिक वयस्कों के आंकड़े शामिल थे।
अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ है कि रोजाना ७,००० कदम चलने से हृदय रोग का खतरा २५ प्रतिशत, कैंसर का ६ प्रतिशत, टाइप २ डायबिटीज का १४ प्रतिशत, डिमेंशिया का ३८ प्रतिशत, डिप्रेशन का २२ प्रतिशत, और गिरने की घटनाओं का २८ प्रतिशत तक कमी आ सकती है। साथ ही, मृत्यु का जोखिम लगभग ५० प्रतिशत तक घट सकता है।
हालांकि, वर्तमान में १०,००० कदम प्रतिदिन चलना एक अनौपचारिक लक्ष्य माना जाता है, लेकिन इस अध्ययन में बताया गया है कि ७,००० कदम का लक्ष्य कम सक्रिय व्यक्तियों के लिए ज्यादा व्यावहारिक है।
ऑस्ट्रेलिया की सिडनी यूनिवर्सिटी के चार्ल्स पर्किन्स सेंटर के प्रोफेसर डिंग डिंग ने कहा, “हालांकि १०,००० कदम सक्रिय व्यक्तियों के लिए उपयुक्त हो सकता है, लेकिन ७,००० कदम रोजाना स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण सुधार लाता है और यह एक सामान्य लक्ष्य है।”
अध्ययन में यह भी पाया गया कि केवल ४,००० कदम प्रतिदिन चलने से भी २,००० कदम की तुलना में अधिक स्वास्थ्य लाभ होते हैं। हृदय रोग जैसे मामलों में ७,००० कदम से अधिक चलने से लाभ मिल सकता है, लेकिन अधिकांश बीमारियों में लाभ इस स्तर पर स्थिर हो जाता है।
शोधकर्ताओं ने कुछ सीमाओं को भी स्वीकार किया। माना गया कि कैंसर और डिमेंशिया पर हमारा अध्ययन सीमित है, आयु-से जुड़े विशिष्ट विश्लेषण की कमी जैसे कारणों से प्रभावित है। फिर भी, यह अध्ययन रोजाना कदमों को गिनने को शारीरिक गतिविधि मापने का एक सरल तरीका बताता है।
शोधकर्ताओं का मानना है कि ये निष्कर्ष भविष्य में पब्लिक हेल्थ गाइडलाइंस को आकार दे सकते हैं। यह एक आसान और व्यावहारिक समाधान है जो लोगों को पैदल चलने के लिए प्रेरित कर सकता है।