क्या सऊदी अरब भारतीय व्यवसायों के लिए एक आकर्षक निवेश स्थान है?
सारांश
Key Takeaways
- 85 प्रतिशत भारतीय व्यवसाय सऊदी अरब को आकर्षक मानते हैं।
- 78 प्रतिशत व्यवसाय सऊदी अरब में निवेश बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।
- सऊदी अरब का विजन 2030 और भारत का विकसित भारत विजन समन्वयित है।
- भारतीय आईटी कंपनियां सऊदी अरब में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
- द्विपक्षीय व्यापार 41.88 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।
मुंबई, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय व्यवसायों का लगभग 85 प्रतिशत हिस्सा वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच सऊदी अरब को व्यापार और निवेश के लिए एक आकर्षक स्थान के रूप में देखता है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में उजागर की गई है।
एचएसबीसी रिपोर्ट के अनुसार, 78 प्रतिशत भारतीय व्यवसाय अगले 6 महीनों में सऊदी अरब में अपने निवेश को बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। यह मिडल ईस्ट के बाहर किसी भी मार्केट के मुकाबले सबसे उच्च स्तर की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भारतीय व्यापार नेता सऊदी अरब में व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। यह सऊदी अरब के विजन 2030 के अनुरूप है, जिसका लक्ष्य एक मजबूत और स्थिर अर्थव्यवस्था के साथ विकास के अवसरों को आकर्षित करना है।
एचएसबीसी बैंक मिडल ईस्ट के सीईओ सेलिम केरवांसी ने कहा, "हमारी रिसर्च सऊदी अरब के आर्थिक परिवर्तन में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है।"
रिपोर्ट ने 50 मिलियन डॉलर से 500 मिलियन डॉलर तक का सालाना राजस्व उत्पन्न करने वाले 4000 व्यवसाय निर्णय निर्माताओं का सर्वेक्षण किया, जो अंतरराष्ट्रीय संचालन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। यह रिपोर्ट सऊदी अरब और 8 बड़े वैश्विक बाजारों के बीच व्यापार और निवेश लिंक के बारे में जानकारी प्रदान करती है।
हाल के वर्षों में सऊदी अरब और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंध तेजी से बढ़े हैं। भारत सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है, जबकि सऊदी अरब भारत का पांचवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 41.88 अरब डॉलर दर्ज किया गया था।
सऊदी अरब में व्यवसाय करने को लेकर भारतीय उत्तरदाताओं की अलग-अलग राय रही है। सर्वे में शामिल 60 प्रतिशत भारतीय उत्तरदाताओं ने सऊदी अरब की बढ़ती अर्थव्यवस्था को इसका कारण बताया। वहीं, 56 प्रतिशत ने आर्थिक स्थिरता की बात कही और 51 प्रतिशत ने सऊदी अरब की व्यापार-फ्रेंडली नीतियों को एक महत्वपूर्ण कारण बताया।
एचएसबीसी इंडिया के बैंकिंग प्रमुख अजय शर्मा ने कहा कि सऊदी अरब के 2030 विजन और भारत के विकसित भारत विजन के बीच रणनीतिक तालमेल व्यापार और निवेश के लिए कई नए अवसर प्रस्तुत करता है।
भारतीय आईटी और टेक कंपनियां सऊदी अरब के डिजिटल परिवर्तन में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य, लॉजिस्टिक्स, खनन और स्टार्टअप के क्षेत्र में भी रुचि बढ़ रही है।