क्या 'टीबी मुक्त भारत' का सपना साकार होने के करीब है? पीएम मोदी ने दी खास बधाई
सारांश
Key Takeaways
- टीबी के मामलों में 21 प्रतिशत की कमी
- उपचार कवरेज 92 प्रतिशत तक बढ़ा
- टीबी मुक्त भारत अभियान की सफलता दर 90 प्रतिशत
- नवीनतम तकनीकों का उपयोग
- निक्षय पोषण योजना का लाभार्थियों को समर्थन
नई दिल्ली, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में टीबी के मामले 2015 में प्रति लाख जनसंख्या पर 237 से घटकर 2024 में 21 प्रतिशत की कमी के साथ 187 प्रति लाख हो गए हैं, जो वैश्विक स्तर पर देखी गई गिरावट की दर से लगभग दोगुना है। टीबी के खिलाफ लड़ाई में भारत की इस उल्लेखनीय सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि टीबी के खिलाफ भारत की लड़ाई में उल्लेखनीय गति आ रही है।
उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की नवीनतम वैश्विक क्षय रोग रिपोर्ट 2025 में दर्शाती है कि भारत में 2015 से टीबी के मामलों में महत्वपूर्ण कमी आई है और यह वैश्विक गिरावट दर से लगभग दोगुनी है। यह दुनिया में कहीं भी देखी गई सबसे बड़ी गिरावटों में से एक है। उपचार कवरेज का विस्तार, मिसिंग केसों में कमी, और उपचार की सफलता में निरंतर वृद्धि भी उतनी ही उत्साहजनक है। मैं उन सभी को बधाई देता हूं जिन्होंने इस सफलता को हासिल करने में योगदान दिया है। हम एक स्वस्थ और समृद्ध भारत सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
भारत ने टीबी से होने वाली मृत्यु दर में वैश्विक कमी (एचआईवी निगेटिव लोगों में टीबी से होने वाली मौतें) की तुलना में अधिक कमी हासिल की है।
इलाज कवरेज बढ़कर 92 प्रतिशत हो गया है, जिससे भारत अन्य उच्च-भार वाले देशों और वैश्विक सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज से आगे निकल गया है। यह उपलब्धि न्यू केस-फाइंडिंग पॉलिसी और देखभाल तक विस्तारित पहुंच की सफलता को दर्शाती है। 2024 में 26.18 लाख से अधिक टीबी रोगियों की पहचान की गई।
टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत उपचार की सफलता दर बढ़कर 90 प्रतिशत हो गई है, जो वैश्विक उपचार सफलता दर 88 प्रतिशत से अधिक है।
दिसंबर 2024 में शुरू हुए टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत, एआई-सक्षम रिपोर्टिंग वाले हाथ में पकड़े जाने वाले एक्स-रे उपकरण, विस्तारित एनएएटी बुनियादी ढांचा और जनभागीदारी जैसी नई तकनीकों के जरिए 24.5 लाख रोगियों का निदान किया गया है, जिनमें 8.61 लाख लक्षणहीन टीबी के मामले शामिल हैं।
पिछले 9 वर्षों में टीबी कार्यक्रम का वार्षिक बजट दस गुना बढ़ा है। निक्षय पोषण योजना के तहत अप्रैल 2018 से 1.37 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 4,406 करोड़ रुपए से अधिक की राशि वितरित की गई है।