क्या महंगाई में कमी के चलते दिसंबर में आरबीआई ब्याज दरों में कटौती करेगा?

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क्या महंगाई में कमी के चलते दिसंबर में आरबीआई ब्याज दरों में कटौती करेगा?

सारांश

अर्थशास्त्रियों ने बताया है कि अक्टूबर में महंगाई दर में कमी के कारण आरबीआई दिसंबर में ब्याज दरों को घटा सकता है। क्या यह कदम अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद साबित होगा? आइए जानते हैं इस पर विशेषज्ञों की राय।

Key Takeaways

  • महंगाई दर में कमी: अक्टूबर में महंगाई दर घटकर 0.25 प्रतिशत हो गई है।
  • आरबीआई की संभावित कटौती: दिसंबर की बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावना है।
  • अर्थशास्त्रियों की राय: खाद्य महंगाई और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का असर।

नई दिल्ली, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अर्थशास्त्रियों ने गुरुवार को कहा कि अक्टूबर में महंगाई दर में कमी के चलते केंद्रीय बैंक एक बार फिर से दिसंबर की मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।

खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में रिकॉर्ड 0.25 प्रतिशत के निचले स्तर पर पहुंच गई है, जो कि सितंबर में 1.44 प्रतिशत थी। यह मौजूदा सीपीआई श्रृंखला में दर्ज की गई अब तक की सबसे कम महंगाई दर है।

महंगाई में कमी का कारण खाद्य महंगाई के साथ-साथ मुख्य महंगाई दर में गिरावट आना है।

क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि खाद्य महंगाई दर में अपेक्षा से अधिक कमी, वर्ष के बाकी हिस्से में खाद्य उत्पादों की मजबूत आपूर्ति, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और जीएसटी का आम लोगों को फायदा पहुंचाने के कारण, हमारा अनुमान है कि खुदरा महंगाई दर इस वित्त वर्ष में औसतन 2.5 प्रतिशत पर रह सकती है, जो कि पिछले वर्ष के आंकड़े 4.6 प्रतिशत से कम है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि कई बड़ी श्रेणियों में जीएसटी का प्रभाव अक्टूबर में पूरी तरह से नहीं आया, जिसका असर हमें आने वाले समय में नवंबर में देखने को मिलेगा। वर्तमान में खुदरा महंगाई दर 0.9 प्रतिशत पर है, जिसमें जीएसटी के प्रभाव के कारण और कमी आ सकती है। वित्त वर्ष 26 में मुख्य महंगाई दर 2 प्रतिशत से कम रहने का अनुमान है, जिसका मतलब यह है कि आरबीआई के 2.6 प्रतिशत के अनुमान में 50 आधार अंकों की और गिरावट आएगी।

आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर के अनुसार, आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) वित्त वर्ष 2026 के लिए अपने खुदरा महंगाई दर के अनुमान को 2.6 प्रतिशत से और कम कर सकती है, जो खाद्य कीमतों में नरमी के साथ-साथ सीपीआई बास्केट में कई वस्तुओं पर जीएसटी दर युक्तिकरण के प्रभाव को देखते हुए संभव है।

उन्होंने आगे कहा कि इससे दिसंबर की मौद्रिक नीति में ब्याज दरों के और कम होने का रास्ता साफ हो गया है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि मौद्रिक नीति में बदलाव देश की आर्थिक दिशा को प्रभावित कर सकता है। महंगाई की दर में कमी सकारात्मक संकेत है, लेकिन हमें सतर्क रहना होगा। यह समय है जब आरबीआई को अपनी नीतियों को संतुलित तरीके से लागू करना चाहिए, ताकि आम लोगों को इसका अधिकतम लाभ मिल सके।
NationPress
13/11/2025

Frequently Asked Questions

आरबीआई ब्याज दरों में कटौती कब करेगा?
आरबीआई दिसंबर की मौद्रिक नीति बैठक में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।
महंगाई दर में कमी का क्या कारण है?
महंगाई दर में कमी का कारण खाद्य महंगाई में गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों में कमी है।
क्या इससे अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा?
हां, ब्याज दरों में कटौती होने से लोन की लागत कम होगी, जिससे उपभोक्ता खर्च बढ़ सकता है।