क्या एआई तकनीक ने सिर और गर्दन के कैंसर से जूझ रहे मरीजों को नई उम्मीद दी है?
सारांश
Key Takeaways
- एआई तकनीक कैंसर के मरीजों के लिए नई संभावनाएं लेकर आई है।
- यह प्रोग्नोसिस को बेहतर बनाने में मदद करती है।
- यह उपकरण नॉन-इनवेसिव है, जिससे कोई चीर-फाड़ नहीं होती।
- कैंसर के फैलने और सर्वाइवल रेट की सटीक भविष्यवाणी करता है।
- बिना सर्जरी के भी ईएनई का अनुमान लगाता है।
नई दिल्ली, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सिर और गर्दन के कैंसर से पीड़ित मरीजों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर आधारित एक नवीनतम उपकरण बेहतर प्रोग्नोसिस यानी बीमारी के भविष्य के परिणामों का अधिक सटीक आकलन करने में सहायक सिद्ध हो रहा है। यह तकनीक डॉक्टरों को यह समझने में मदद करती है कि किसी मरीज में कैंसर का उपचार कितना प्रभावी हो सकता है और भविष्य में जोखिम कितना है।
डाना-फार्बर और मैस जनरल ब्रिघम का एआई उपकरण (ईएनई प्रेडिक्टर) विशेष रूप से ऑरोफैरिंजियल कैंसर (सिर और गले के कैंसर का एक प्रकार) के लिए विकसित किया गया है। यह मरीजों को बताता है कि कैंसर लिम्फ नोड्स (गांठों) से बाहर फैलने की कितनी संभावना है, जिसे एक्स्ट्रानोडल एक्सटेंशन (ईएनई) कहा जाता है। ईएनई की संख्या जानना प्रोग्नोसिस के लिए बहुत जरूरी है।
मास जनरल ब्रिघम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन मेडिसिन (एआईएम) प्रोग्राम के वरिष्ठ लेखक बेंजामिन कान ने कहा, "यह उपकरण यह पहचानने में सक्षम हो जाता है कि कौन सा मरीज किस प्रकार के उपचार से सबसे अधिक लाभ उठा सकता है या किसे इम्यूनोथेरेपी या अतिरिक्त कीमोथेरेपी दी जा सकती है।"
कान ने कहा, "हमारा उपकरण यह भी पहचानने में सक्षम है कि किस मरीज को केवल सर्जरी की आवश्यकता है।" यह जर्नल ऑफ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।
ऑरोफैरिंजियल कैंसर का उपचार जटिलताओं से भरा होता है। इसमें सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, या कीमोथेरेपी जैसे तरीके शामिल हैं। इसके नकारात्मक प्रभावों को रोकना बहुत दर्दभरा हो सकता है। इस एआई उपकरण के माध्यम से मरीजों को यह पता चल जाता है कि उन्हें अधिक आक्रामक उपचार (जैसे कीमोथेरेपी या इम्यूनोथेरेपी) की आवश्यकता है या कम (जैसे केवल सर्जरी)। इससे साइड इफेक्ट्स कम होते हैं, जैसे निगलने में कठिनाई, बोलने में समस्या, या थकान। उपचार से पहले ही प्रोग्नोसिस प्राप्त हो जाता है, जिससे डॉक्टर बेहतर योजना बना सकते हैं। यह कैंसर के फैलने और सर्वाइवल रेट की सटीक भविष्यवाणी करता है।
यह सीटी स्कैन (कंप्यूटेड टोमोग्राफी) की छवियों का विश्लेषण करता है। एआई मॉडल इन छवियों से ईएनई वाली लिम्फ नोड्स की संख्या का अनुमान लगाता है। पहले ईएनई का पता लगाने के लिए सर्जरी से नोड्स को निकालकर जांच करनी पड़ती थी, लेकिन यह उपकरण नॉन-इनवेसिव है—मतलब बिना चीर-फाड़ के ही काम करता है। इसे क्लिनिकल रिस्क फैक्टर्स (जैसे उम्र, ट्यूमर का आकार) को ध्यान में रखकर और बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।
1,733 मरीजों पर परीक्षण किया गया। उपकरण ने सही तरीके से उन मरीजों की पहचान की जिनमें कैंसर ज्यादा फैलने का खतरा था और सर्वाइवल कम था। यह पारंपरिक मॉडलों से बेहतर था, विशेष रूप से सर्वाइवल और प्रोग्रेशन की भविष्यवाणी में सटीक था।
कान ने कहा, "एआई उपकरण ईएनई वाली लिम्फ नोड्स की संख्या का अनुमान लगाने में मदद करता है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, और यह दर्शाता है कि यह ऑरोफैरिंजियल कैंसर के लिए एक शक्तिशाली, नया प्रोग्नोस्टिक बायोमार्कर है जिसका उपयोग मौजूदा स्टेजिंग स्कीम और ट्रीटमेंट प्लानिंग को बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है।"