क्या बिहार चुनाव में एनडीए की बंपर जीत बाजार के लिए सकारात्मक संकेत है?
सारांश
Key Takeaways
- एनडीए की जीत ने निवेशकों के विश्वास को बढ़ाया है।
- महिला केंद्रित नकद ट्रांसफर योजना का चुनावी नतीजों में प्रभाव पड़ा।
- भारतीय शेयर बाजार ने मजबूती के साथ सप्ताह का अंत किया।
- महंगाई दर में कमी से अर्थव्यवस्था को समर्थन मिला है।
- बाजार में स्थिरता की संभावना बढ़ी है।
मुंबई, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की बंपर जीत ने शेयर बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत प्रस्तुत किया है और इस पर बाजार की प्रतिक्रिया भी सकारात्मक हो सकती है। इसके साथ ही, यह केंद्र सरकार की स्थिरता को भी मजबूत करेगा, जो कि अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद है। यह जानकारी रविवार को एनालिस्ट द्वारा साझा की गई।
जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज ने अपने नवीनतम नोट में कहा, "पिछले ट्रेंड से भिन्न, इस बार के नतीजे एक्जिट पोल के अनुसार ही आए हैं और उनसे भी बेहतर हैं।"
महिला केंद्रित नकद ट्रांसफर योजना ने चुनावी नतीजों को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे वोटर टर्नआउट भी बढ़ा है और इसका असर विधानसभा के परिणामों पर भी पड़ा है।
नोट में यह भी कहा गया, "एनडीए के पक्ष में आए बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम भाजपा और उसके सहयोगियों की राजनीतिक अपील को दर्शाते हैं।"
भारतीय शेयर बाजार ने सप्ताह का अंत मजबूती के साथ किया है और अमेरिकी सरकार के शटडाउन के समाप्त होने के कारण बेंचमार्क सूचकांकों में बढ़त देखने को मिली है, जिसे घरेलू संकेतों जैसे कि उम्मीद से बेहतर दूसरी तिमाही के नतीजे और घटती महंगाई दर से समर्थन मिला।
बाजार पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों के अनुसार, बिहार चुनाव में एनडीए की जीत ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है।
उन्होंने कहा कि एनडीए की जीत के कारण राजनीतिक धारणा में उत्साह आया है, जिससे निवेशकों की जोखिम उठाने की क्षमता में वृद्धि हुई है।
हाल ही में आई कमजोरी के बाद, बाजारों में सप्ताह के दौरान मजबूत उछाल देखा गया और अंत में यह बढ़त के साथ बंद हुआ।
दोनों बेंचमार्क सूचकांकों (सेंसेक्स और निफ्टी) में डेढ़ प्रतिशत से अधिक की बढ़त दर्ज की गई, जिसमें निफ्टी 25,910.05 पर और सेंसेक्स 84,562.78 पर बंद हुआ।
जीएसटी की दरों में कटौती और खाद्य कीमतों में नरमी के कारण भारत की खुदरा महंगाई दर सितंबर के 1.44 प्रतिशत से अक्टूबर में गिरकर 0.25 प्रतिशत रह गई है, जिससे निवेशकों का विश्वास काफी बढ़ा है। कच्चे तेल और गैर-खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट के कारण थोक महंगाई भी अक्टूबर में घटकर -1.21 प्रतिशत पर आ गई।