क्या एनपीसीआई ने पी2एम लेनदेन पर दैनिक यूपीआई भुगतान सीमा बढ़ाकर 10 लाख रुपए की?

सारांश
Key Takeaways
- एनपीसीआई ने पी2एम भुगतान की सीमा को 10 लाख रुपए किया।
- यह नई सीमा सोमवार से लागू होगी।
- डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया।
- पी2पी लेनदेन की सीमा 1 लाख रुपए पर स्थिर रखी गई।
- क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान की सीमा 5 लाख रुपए तक है।
मुंबई, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने पर्सन-टू-मर्चेंट (पी2एम) भुगतानों के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के तहत दैनिक लेनदेन सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया है। यह नई सीमा सोमवार से लागू होगी।
इस पहल का उद्देश्य प्रमुख क्षेत्रों में बड़े भुगतानों को आसान बनाना और उच्च-मूल्य वाले क्षेत्रों में डिजिटल अपनाने को बढ़ावा देना है। हालांकि, एनपीसीआई ने पर्सन-टू-पर्सन (पी2पी) सीमा को 1 लाख रुपए प्रतिदिन पर बनाए रखा है।
इससे पहले बड़े लेनदेन करने वाले उपयोगकर्ताओं को सीमा का सामना करना पड़ता था, जिससे उन्हें भुगतान को छोटे हिस्सों में करने या पारंपरिक तरीकों जैसे चेक और बैंक ट्रांसफर पर लौटने के लिए मजबूर होना पड़ता था।
नए ढांचे के अनुसार, कैपिटल मार्केट और इंश्योरेंस पेमेंट के लिए प्रति लेनदेन सीमा 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी गई है, जबकि दैनिक सीमा 10 लाख रुपए है।
सरकारी ई-मार्केटप्लेस लेनदेन की सीमा 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए प्रति लेनदेन कर दी गई है। यात्रा बुकिंग, ऋण चुकौती और ईएमआई संग्रह के लिए प्रति लेनदेन सीमा भी 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी गई है।
क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान के लिए भी एक ही लेनदेन में 5 लाख रुपए तक की अनुमति है, हालांकि 24 घंटे की सीमा 6 लाख रुपए निर्धारित की गई है।
ऋण और ईएमआई के लिए उपयोगकर्ता अब प्रति लेनदेन 5 लाख रुपए का भुगतान कर सकते हैं, जिससे प्रतिदिन कुल 10 लाख रुपए का भुगतान संभव हो सकेगा।
इसके अलावा, आभूषणों की खरीदारी में भी मामूली वृद्धि हुई है, इसके लिए यूपीआई सीमा 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए प्रति लेनदेन और 6 लाख रुपए प्रति दिन कर दी गई है। इसके अतिरिक्त, डिजिटल ऑनबोर्डिंग के माध्यम से सावधि जमा जैसी बैंकिंग सेवाओं की सीमा अब प्रति लेनदेन और प्रति दिन 5 लाख रुपए तक सीमित है, जबकि पहले यह 2 लाख रुपए थी।