क्या 2030 तक 300 मिलियन टन इस्पात उत्पादन में 'सलेम स्टील प्लांट' की भूमिका अहम होगी?

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क्या 2030 तक 300 मिलियन टन इस्पात उत्पादन में 'सलेम स्टील प्लांट' की भूमिका अहम होगी?

सारांश

केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने 'सलेम स्टील प्लांट' के महत्व पर प्रकाश डाला है, जो 2030 तक 300 मिलियन टन इस्पात उत्पादन के लक्ष्य में अहम भूमिका निभाएगा। यह प्लांट मेक इन इंडिया की सच्ची भावना को दर्शाता है और स्वच्छ, सस्टेनेबल इस्पात निर्माण में योगदान करेगा।

Key Takeaways

  • सलेम स्टील प्लांट भारत के इस्पात उत्पादन में महत्वपूर्ण है।
  • 2030 तक 300 मिलियन टन इस्पात उत्पादन का लक्ष्य है।
  • यह प्लांट मेक इन इंडिया की भावना का प्रतीक है।
  • इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस स्वच्छ और सस्टेनेबल निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है।
  • विशेष इस्पात का उत्पादन भविष्य की प्राथमिकता है।

नई दिल्ली, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि इस्पात केवल एक सामग्री नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय विकास की नींव है और इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर इनोवेशन तक सरकार का लक्ष्य जिम्मेदारी के साथ विकास करना है।

सेल की इकाई सलेम स्टील प्लांट के दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यहां की तकनीक और अनुशासन को देखकर मुझे गर्व महसूस हुआ।

उन्होंने कहा, "यह प्लांट मेक इन इंडिया की असली भावना को प्रदर्शित करता है।"

यह दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को इस्पात उत्पादन में वैश्विक नेता बनाने के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य 2030 तक 300 मिलियन टन (एमटी) इस्पात उत्पादन, 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करना और 2047 तक विकसित भारत का निर्माण करना है।

प्लांट के दौरे के दौरान, केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कच्चे स्क्रैप से लेकर पिघली हुई धातु और तैयार स्लैब तक इस्पात उत्पादन की पूरी प्रक्रिया का अवलोकन किया।

उन्होंने स्क्रैपयार्ड, स्टील मेल्टिंग शॉप, इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस (ईएएफ) और स्लैब कास्टर जैसे महत्वपूर्ण परिचालन क्षेत्रों का दौरा किया।

उन्होंने टॉर्च कटिंग मशीन जैसे उन्नत उपकरणों और पिघले हुए लोहे को हॉट रोल्ड कॉइल और कोल्ड रोलिंग मिल में बदलने की प्रक्रिया का भी निरीक्षण किया।

सलेम में इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस-बेस्ड प्रक्रिया भारत की डीकार्बोनाइजेशन प्रतिबद्धताओं के अनुरूप स्वच्छ और स्थायी इस्पात निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

उन्होंने कहा, "इस प्लांट से बनने वाले उत्पाद हर दिन घरों से लेकर उद्योगों तक लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं।"

ये उत्पाद रेलवे, रक्षा, ऊर्जा, इंफ्रास्ट्रक्चर और घरेलू उपयोगिताओं जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की सेवा करते हैं, जिससे सलेम स्टील प्लांट भारत के स्टेनलेस स्टील इकोसिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।

चर्चाओं में प्रमुख बाधाओं को संबोधित किया गया, और रक्षा, रेलवे, एयरोस्पेस और सटीक इंजीनियरिंग के लिए विशेष स्टील के उत्पादन में वृद्धि को प्राथमिकता दी गई।

केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा, "हम इस रणनीतिक परिसंपत्ति को पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। विशेष इस्पात भविष्य है और सलेम स्टील प्लांट सौर और पवन जैसी नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग कर अधिक लागत-कुशल बन सकता है।"

Point of View

NationPress
21/06/2025

Frequently Asked Questions

सलेम स्टील प्लांट का महत्व क्या है?
सलेम स्टील प्लांट भारत के इस्पात उत्पादन में एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है, जो मेक इन इंडिया की भावना को बढ़ावा देता है।
केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि इस्पात राष्ट्रीय विकास की रीढ़ है और यह प्लांट जिम्मेदारी से विकास के लिए महत्वपूर्ण है।