क्या अगस्त में व्हाइट-कॉलर नौकरियों में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, नॉन-आईटी सेक्टर का योगदान सबसे अधिक था?

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क्या अगस्त में व्हाइट-कॉलर नौकरियों में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, नॉन-आईटी सेक्टर का योगदान सबसे अधिक था?

सारांश

अगस्त में भारत के व्हाइट-कॉलर नौकरी बाजार में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। नॉन-आईटी सेक्टर ने इस वृद्धि में प्रमुख भूमिका निभाई है। जानिए इस रिपोर्ट में कौन-कौन से क्षेत्र शामिल हैं और उनका योगदान कितना रहा।

Key Takeaways

  • अगस्त में व्हाइट-कॉलर नौकरियों में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
  • नॉन-आईटी सेक्टर ने इस वृद्धि में सबसे अधिक योगदान दिया।
  • हैदराबाद स्टार्टअप भर्ती का प्रमुख केंद्र बन गया है।
  • दिल्ली-एनसीआर में 41 प्रतिशत का योगदान रहा।
  • फ्रेशर्स की हायरिंग में 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

नई दिल्ली, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के व्हाइट-कॉलर नौकरियों के बाजार में अगस्त में एक सकारात्मक बदलाव आया है। जॉबस्पीक इंडेक्स सालाना आधार पर 3 प्रतिशत बढ़कर 2,664 पर पहुँच गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 2,576 था। यह जानकारी एक रिपोर्ट में साझा की गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, नॉन-आईटी सेक्टर ने इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इंश्योरेंस सेक्टर का योगदान 24 प्रतिशत रहा है। इसके बाद हॉस्पिटैलिटी ने 22 प्रतिशत, बीपीओ/आईटीईएस ने 17 प्रतिशत, एजुकेशन ने 16 प्रतिशत और रियल एस्टेट ने 18 प्रतिशत का योगदान दिया है।

हालांकि, आईटी क्षेत्र में 6 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई, जबकि आईटी यूनिकॉर्न की हायरिंग में सालाना आधार पर 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

रिपोर्ट के अनुसार, हायरिंग सभी श्रेणियों में बढ़ी है। फ्रेशर्स की हायरिंग में सालाना आधार पर 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 16 वर्ष से अधिक के पेशेवरों की हायरिंग में सालाना आधार पर 8 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है।

नौकरी के मुख्य व्यवसाय अधिकारी पवन गोयल ने कहा, "अगस्त में दो प्रमुख रुझान सामने आए हैं। पहला यह कि गैर-आईटी क्षेत्र नौकरी बाजार में वृद्धि में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं, जो हाल के महीनों में स्पष्ट है। दूसरा, हैदराबाद ने स्टार्टअप हायरिंग के केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाई है, जिससे यह समग्र नौकरी वृद्धि में अग्रणी महानगर बन गया है।"

रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त में, दिल्ली-एनसीआर ने 41 प्रतिशत और चेन्नई ने 19 प्रतिशत के साथ प्रमुख योगदान दिया। यह क्षेत्र नए कर्मचारियों की नियुक्तियों के केंद्र के रूप में भी उभरा है, जहाँ प्रवेश स्तर की नियुक्तियों में सालाना आधार पर 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

हैदराबाद में स्टार्टअप और यूनिकॉर्न की नियुक्तियों में लगातार तीन महीनों तक सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे यह भारत के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत कर रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "अगस्त में, शहर में स्टार्टअप की नियुक्तियों में सालाना आधार पर 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो कुल 3 प्रतिशत की वृद्धि से कहीं अधिक है।"

Point of View

भारत में व्हाइट-कॉलर नौकरियों का बढ़ता बाजार यह दर्शाता है कि नॉन-आईटी सेक्टर में संभावनाएँ बढ़ रही हैं। यह विकास केवल आर्थिक दृष्टि से नहीं, बल्कि युवा पीढ़ी के लिए भी अवसरों का सृजन कर रहा है।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

व्हाइट-कॉलर नौकरियों में वृद्धि का क्या कारण है?
नॉन-आईटी सेक्टर में वृद्धि, जैसे इंश्योरेंस, हॉस्पिटैलिटी और रियल एस्टेट, ने व्हाइट-कॉलर नौकरियों में वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आईटी सेक्टर में गिरावट का कारण क्या है?
हालांकि आईटी क्षेत्र में 6 प्रतिशत की गिरावट आई है, लेकिन आईटी यूनिकॉर्न की हायरिंग में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।