क्या चैटजीपीटी का उपयोग प्राथमिक जानकारी के स्रोत के रूप में नहीं होना चाहिए?: ओपनएआई कार्यकारी

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क्या चैटजीपीटी का उपयोग प्राथमिक जानकारी के स्रोत के रूप में नहीं होना चाहिए?: ओपनएआई कार्यकारी

सारांश

ओपनएआई के नवीनतम मॉडल जीपीटी-5 की ताकत और सटीकता के बावजूद, चैटजीपीटी को मुख्य जानकारी के स्रोत के रूप में उपयोग करने के बजाय एक सेकंडरी विकल्प के रूप में इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। जानें इस पर ओपनएआई के कार्यकारी का क्या कहना है।

Key Takeaways

  • चैटजीपीटी को प्राथमिक स्रोत के रूप में न लें।
  • इसका उपयोग एक द्वितीय विकल्प के रूप में करें।
  • हैलुसिनेशन की समस्या को समझें।
  • सत्यापन के लिए बाहरी स्रोतों का उपयोग करें।
  • AI तकनीक की विश्वसनीयता पर ध्यान दें।

नई दिल्ली, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। ओपनएआई का नवीनतम भाषा मॉडल जीपीटी-5 अपने पूर्ववर्ती की तुलना में अधिक शक्तिशाली और सटीक हो सकता है, लेकिन कंपनी ने उपयोगकर्ताओं को चेतावनी दी है कि वे इसे अपनी जानकारी का मुख्य स्रोत न बनाएं।

चैटजीपीटी के मुख्य निक टर्ली ने कहा कि एआई चैटबॉट का उपयोग द्वितीय विकल्प के रूप में किया जाना चाहिए, क्योंकि बड़े सुधारों के बावजूद, इसमें अभी भी गलतियाँ होने की संभावना है।

द वर्ज के साथ एक साक्षात्कार में, टर्ली ने स्वीकार किया कि जीपीटी-5 हैलुसिनेशन की समस्या का सामना कर रहा है, जहां सिस्टम ऐसी जानकारी उत्पन्न करता है, जो विश्वसनीय लगती है लेकिन तथ्यात्मक रूप से गलत होती है।

ओपनएआई का कहना है कि उसने ऐसी त्रुटियों को काफी कम कर दिया है, लेकिन मॉडल अभी भी लगभग 10 प्रतिशत मामलों में गलत प्रतिक्रिया देता है।

टरली ने जोर दिया कि 100 प्रतिशत विश्वसनीयता हासिल करना बेहद मुश्किल है।

उन्होंने कहा, "जब तक हम सभी क्षेत्रों में किसी मानव विशेषज्ञ से अधिक विश्वसनीय साबित नहीं हो जाते, तब तक हम यूजर्स को उत्तरों की दोबारा जांच करने की सलाह देते रहेंगे।"

उन्होंने आगे कहा, "मुझे लगता है कि लोग चैटजीपीटी को तथ्यों के अपने प्राथमिक स्रोत के बजाय, दूसरी राय के रूप में प्रयोग करना जारी रखेंगे।"

जीपीटी-5 जैसे लार्ज लैंग्वेज मॉडल विशाल डेटासेट में पैटर्न के आधार पर शब्दों का प्रेडिक्शन करने के लिए प्रशिक्षित होते हैं।

हालांकि यह उन्हें स्वाभाविक प्रतिक्रियाएं उत्पन्न करने में उत्कृष्ट बनाता है, इसका मतलब यह भी है कि वे अपरिचित विषयों पर गलत जानकारी दे सकते हैं।

इस समस्या का समाधान करने के लिए ओपनएआई ने चैटजीपीटी को सर्च से कनेक्ट किया है, जिससे उपयोगकर्ता बाहरी स्रोतों से परिणामों की पुष्टि कर सकते हैं।

टर्ली ने विश्वास व्यक्त किया कि अंततः हैलुसिनेशन की समस्या का समाधान हो जाएगा।

उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि हम अंततः हैलुसिनेशन की समस्या का समाधान कर लेंगे।"

इस बीच, ओपनएआई अपनी महत्वाकांक्षाओं का विस्तार जारी रखे हुए है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि कंपनी अपना ब्राउजर विकसित कर रही है और सीईओ सैम ऑल्टमैन ने तो यहां तक संकेत दिया है कि अगर गूगल क्रोम कभी बिक्री के लिए उपलब्ध हुआ तो ओपनएआई उसे खरीदने पर विचार कर सकता है।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम एआई टूल्स का उपयोग सावधानी से करें। इनका उपयोग सहायक के रूप में किया जा सकता है, लेकिन हमें हमेशा अपने ज्ञान और मानव विशेषज्ञता पर निर्भर रहना चाहिए। यह न केवल हमारी जानकारी की सटीकता को सुनिश्चित करेगा, बल्कि हमारे निर्णय लेने की प्रक्रिया को भी मजबूत करेगा।
NationPress
17/08/2025

Frequently Asked Questions

चैटजीपीटी का उपयोग कैसे करें?
चैटजीपीटी का उपयोग एक सहायक उपकरण के रूप में करें, लेकिन हमेशा अपनी जानकारी की पुष्टि करें।
क्या जीपीटी-5 में गलतियाँ होती हैं?
हां, जीपीटी-5 में लगभग 10 प्रतिशत मामलों में गलतियाँ हो सकती हैं।
हैलुसिनेशन समस्या क्या है?
हैलुसिनेशन समस्या तब होती है जब AI ऐसी जानकारी देता है जो विश्वसनीय लगती है लेकिन गलत होती है।