क्या एआई के इस दौर में शिक्षा के नाम पर कर्ज में न फंसे युवा? : श्रीधर वेम्बू

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क्या एआई के इस दौर में शिक्षा के नाम पर कर्ज में न फंसे युवा? : श्रीधर वेम्बू

सारांश

जोहो के सह-संस्थापक श्रीधर वेम्बू ने छात्रों को चेतावनी दी है कि वे बड़े शिक्षा ऋण लेने से पहले सावधानी बरतें। एआई के बढ़ते प्रभाव ने नौकरी के अवसरों में कमी ला दी है, जिससे छात्रों को कर्ज में फंसने का खतरा है। इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर जानें।

Key Takeaways

  • शिक्षा के नाम पर भारी कर्ज लेने से बचें।
  • एआई का प्रभाव नौकरी के अवसरों में कमी ला रहा है।
  • भर्तियों में कटौती जारी है।
  • प्रशिक्षण और कौशल विकास पर ध्यान दें।
  • छात्रों को सही दिशा में मार्गदर्शन देना आवश्यक है।

नई दिल्ली, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। जोहो के सह-संस्थापक और वैज्ञानिक श्रीधर वेम्बू ने सोमवार को उन छात्रों को चेतावनी दी जो बड़ी शैक्षिक ऋण लेने का निर्णय कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे छात्रों को इस तरह के फैसले पर विचार करने से पहले दो बार सोचना चाहिए, क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बढ़ते प्रभाव के कारण, विशेष रूप से सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में नौकरी के अवसरों में गिरावट आई है।

वेम्बू ने बताया कि उनकी कंपनी ने भी एआई और जॉब ऑटोमेशन के कारण नई नौकरियों के लिए भर्तियों में कटौती की है। इसी तरह, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और माइक्रोसॉफ्ट जैसी प्रमुख आईटी कंपनियां नौकरी बाजार में एआई के प्रभाव के चलते हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं।

वेम्बू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "चिंताजनक स्थिति: एक छात्र ने अमेरिका के एक छोटे से कॉलेज में मास्टर डिग्री प्राप्त करने के लिए 12 प्रतिशत की ब्याज दर पर लगभग 70 लाख रुपए (80,000 डॉलर) का कर्ज लिया है। इस लोन का भुगतान करना तो जल्दी होगा, लेकिन समस्या यह है कि आईटी क्षेत्र में विशेष रूप से विदेशी छात्रों के लिए नौकरियों की स्थिति खराब है।"

वेम्बू ने आगे कहा, "मुझे नहीं पता कि इस स्थिति में हम क्या कर सकते हैं, क्योंकि हम एआई युग के लिए खुद को ढाल रहे हैं और इस दौरान हमने ज्यादा भर्तियां नहीं की हैं। भर्तियों में यह सावधानी इसलिए भी है क्योंकि हमारी नीति छंटनी न करने की है। मैं छात्रों और अभिभावकों से आग्रह करता हूं कि वे विदेश और भारत में डिग्री हासिल करने के लिए भारी कर्ज लेने में सावधानी बरतें।"

उन्होंने आगे कहा कि हमें शिक्षा के नाम पर युवाओं को कर्ज में नहीं फंसाना चाहिए।

उन्होंने कहा, "एकमात्र समझदारी यही है कि भावी नियोक्ता प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए धन मुहैया कराएं और उद्योग औपचारिक डिग्री मांगने के बजाय वैकल्पिक प्रमाणपत्रों को व्यापक रूप से स्वीकार करे। एक कंपनी के रूप में हम जो सबसे अच्छा निवेश करते हैं वह प्रशिक्षण और कौशल विकास में है। मुझे उम्मीद है कि कंपनियां इसे व्यापक रूप से करेंगी ताकि हम युवाओं को कर्ज में न फंसा दें।"

जुलाई में, टीसीएस ने लगभग 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की थी, जो उसके ग्लोबल वर्कफोर्स का लगभग 2 प्रतिशत है, जिनमें से अधिकतर मध्यम और वरिष्ठ स्तर पर हैं। माइक्रोसॉफ्ट ने 2025 तक 15,000 कर्मचारियों की छंटनी की है और एआई में 80 अरब डॉलर का निवेश किया है।

रेगुलर बैक ऑफिस टास्क, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, आईटी सहायता और ऐसी ही अन्य नौकरियां छंटनी का मुख्य लक्ष्य रहीं।

जहां टीसीएस ने स्किल मिसमैच और कुछ भूमिकाओं को लागू करने में आने वाली कठिनाइयों का हवाला दिया, वहीं समय और पैमाने से संकेत मिलता है कि एआई और स्वचालन को व्यापक रूप से अपनाने के कारण छंटनी हो रही है।

भारत के आईटी उद्योग संघ नैसकॉम ने भी इस बात पर जोर दिया है कि आईटी क्षेत्र एक परिवर्तनकारी मोड़ पर है और एआई-ड्रिवन बिजनेस स्किल में तत्काल अपस्किलिंग और क्रॉस-स्किलिंग की आवश्यकता पर बल दिया है।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि शिक्षा का कर्ज लेना एक गंभीर निर्णय है। श्रीधर वेम्बू का यह बयान हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम एआई युग में उचित रूप से तैयार हैं। छात्रों को सही सलाह देना और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन करना हमारी जिम्मेदारी है, ताकि वे भविष्य में वित्तीय कठिनाइयों का सामना न करें।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

श्रीधर वेम्बू ने छात्रों को क्या सलाह दी है?
उन्होंने छात्रों को बड़े शिक्षा ऋण लेने में सावधानी बरतने की सलाह दी है, खासकर एआई के बढ़ते प्रभाव के चलते।
क्यों एआई का प्रभाव नौकरी के अवसरों पर है?
एआई और जॉब ऑटोमेशन के कारण कई कंपनियां अपने कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं, जिससे नौकरी के अवसर कम हो रहे हैं।