क्या भारत में सैटेलाइट इंटरनेट लॉन्च से पहले स्टारलिंक ने हायरिंग की प्रक्रिया शुरू की?
 
                                सारांश
Key Takeaways
- स्टारलिंक ने भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा की शुरुआत की।
- कंपनी ने हायरिंग प्रक्रिया शुरू की है।
- बेंगलुरू में महत्वपूर्ण पदों के लिए उम्मीदवारों की तलाश।
- भारत के नौ शहरों में गेटवे स्टेशन की योजना।
- दूरस्थ या हाइब्रिड कार्य विकल्प उपलब्ध नहीं।
मुंबई, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी स्टारलिंक भारत में औपचारिक रूप से अपने कार्यों की शुरुआत कर रही है। कंपनी ने इस सप्ताह मुंबई में अपने तकनीकी और सुरक्षा डेमो रन भी प्रारंभ कर दिए हैं। इस बीच, कंपनी ने देश में अपनी पहली हायरिंग प्रक्रिया का आरंभ कर दिया है।
स्पेसएक्स ने नौकरी के लिए पोस्टिंग में कहा, "स्टारलिंक अपनी लो-लेटेंसी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा को वैश्विक स्तर पर विस्तार देने के लिए अपने वैश्विक नेटवर्क को बढ़ा रही है। इसी संदर्भ में, कंपनी की भारतीय सहायक संस्था वित्तीय रिपोर्टिंग और अनुपालन की देखरेख के लिए एक अकाउंटिंग मैनेजर की भर्ती कर रही है।"
सूची में दी गई जानकारी के अनुसार, स्टारलिंक के भारत में संचालन को समर्थन देने के लिए बेंगलुरू में स्थित इस रोल की जिम्मेदारी अकाउंटिंग, रिपोर्टिंग और कानूनी अनुपालन कार्यों को विकसित करने और बढ़ाने की होगी।
कंपनी ने भर्ती के संबंध में यह भी स्पष्ट किया है कि इस भूमिका के लिए कंपनी स्थानीय उम्मीदवारों को प्राथमिकता दे रही है, जिनके पास वैध कार्य प्राधिकरण हो। इसके साथ ही, इस भूमिका के लिए दूरस्थ या हाइब्रिड काम के विकल्प उपलब्ध नहीं होंगे।
इसके अतिरिक्त, स्पेसएक्स के करियर पृष्ठ पर दी गई सूची के अनुसार, कंपनी अपनी प्रारंभिक हायरिंग ड्राइव के तहत फाइनेंसिंग और अकाउंटिंग के लिए पेमेंट मैनेजर, अकाउंटिंग मैनेजर, सीनियर ट्रेजरी एनालिस्ट और टैक्स मैनेजर जैसे पदों पर नियुक्तियां करेगी। ये सभी भूमिकाएं स्टारलिंक के भारत में संचालन केंद्र बेंगलुरू के लिए होंगी।
इससे पहले की जानकारी के अनुसार, कंपनी ने मुंबई के चांदीवली क्षेत्र में 1,294 स्क्वायर फीट का कार्यालय स्थान लगभग 2.33 करोड़ रुपए में लीज पर लिया है। इस कार्यालय स्थान को कंपनी ने पांच वर्षों के लिए लीज पर लिया है।
अंत में, रिपोर्टों में बताया गया है कि कंपनी भारत के मुंबई, नोएडा, चंडीगढ़, कोलकाता और लखनऊ समेत नौ शहरों में गेटवे स्टेशन की योजना बना रही है। इन स्टेशनों की भूमिका भविष्य में भारत के सभी उपयोगकर्ताओं तक सैटेलाइट सिग्नल पहुंचाने में महत्वपूर्ण होगी।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                             
                             
                             
                            