क्या 20 नवंबर भारतीय बैडमिंटन के लिए ऐतिहासिक दिन है जब पीवी सिंधु ने सुपर सीरीज खिताब जीता?
Key Takeaways
- पीवी सिंधु ने 20 नवंबर को इतिहास रचा।
- उनकी जीत ने भारतीय बैडमिंटन को नई ऊँचाई दी।
- सिंधु का संघर्ष और समर्पण युवाओं के लिए प्रेरणा है।
- उनकी उपलब्धियाँ भारतीय खेलों के लिए गर्व का कारण हैं।
- सिंधु का नाम हमेशा भारतीय खेलों में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।
नई दिल्ली, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय खेल जगत के लिए 20 नवंबर का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। इसी दिन भारत की स्टार खिलाड़ी पीवी सिंधु ने चाइना ओपन सुपर सीरीज में चीन की सुन यू को हराकर अपना पहला सुपर सीरीज खिताब जीता था।
इस 7 लाख डॉलर की इनामी राशि वाले टूर्नामेंट में सिंधु ने सुन यू को 1 घंटे और 9 मिनट तक चले मुकाबले में 21-11, 17-21, 21-11 से हराया। उस समय सिंधु वर्ल्ड नंबर-11 थीं और यह सुन यू के खिलाफ उनकी पाँचवी भिड़ंत थी, जिसमें यह उनकी तीसरी जीत थी।
पीवी सिंधु ने इस मुकाबले की शानदार शुरुआत करते हुए पहले गेम में 11-5 से बढ़त बना ली। इसके बाद उन्होंने तेजी से स्कोर को 20-8 तक पहुँचाया और 12 गेम प्वाइंट हासिल किए। हालाँकि, सुन यू ने तीन गेम प्वाइंट बचाने की कोशिश की, लेकिन सिंधु ने पहला गेम 21-11 से जीत लिया।
दूसरे गेम में सिंधु ने 6-3 की बढ़त बनाई। धीरे-धीरे, उन्होंने इस बढ़त को 14-10 तक बढ़ाया, लेकिन सुन यू ने शानदार वापसी की।
दमदार स्मैश के साथ सुन यू ने स्कोर 14-14 से बराबरी पर ला दिया, और अंततः यह गेम 21-17 से अपने नाम किया।
तीसरा गेम निर्णायक था, जहाँ सिंधु ने 10-6 से बढ़त बनाई। ब्रेक के समय तक, वह 11-8 से आगे थीं।
ब्रेक के बाद, सुन यू की कुछ गलतियों का फायदा उठाते हुए सिंधु ने इस गेम में 19-11 से बढ़त बनाई और अंततः 21-11 से जीत दर्ज की, जिससे उन्होंने खिताब अपने नाम किया।
साल 2016 में 'चाइना ओपन' जीतने के बाद, सिंधु ने 2017 में 'कोरिया ओपन' भी जीता। इसी साल उन्होंने 'इंडिया ओपन' भी जीता।
पीवी सिंधु ने 2016 रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल और 2020 टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीते और वह दो ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं।
बैडमिंटन में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए, उन्हें 2013 में 'अर्जुन अवॉर्ड' से सम्मानित किया गया। इसके बाद, 2015 में उन्हें 'पद्म श्री' पुरस्कार मिला और 2020 में 'पद्म भूषण' से भी नवाजा गया।