क्या ट्राई का नया फैसला स्पैम कॉल्स को रोक सकेगा?
सारांश
Key Takeaways
- ट्राई ने 1600 नंबरिंग सीरीज को अनिवार्य किया है।
- इससे उपभोक्ताओं को सुरक्षित और विश्वसनीय कॉल्स मिलेंगी।
- 15 फरवरी, 2026 तक सभी वित्तीय संस्थाओं को इसे अपनाना होगा।
नई दिल्ली, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी (ट्राई) ने बुधवार को बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस (बीएफएसआई) क्षेत्र के लिए '1600' नंबरिंग सीरीज को अपनाना अनिवार्य कर दिया है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि इन क्षेत्रों की सेवा और लेन-देन संबंधी कॉल्स को अन्य कमर्शियल कम्युनिकेशन से स्पष्ट रूप से अलग किया जा सके।
इस पहल का उद्देश्य स्पैम कॉल्स और वॉइस कॉल के जरिए होने वाले फ्रॉड को रोकना है, ताकि देश में वित्तीय धोखाधड़ी को कम किया जा सके और उपयोगकर्ताओं के लिए वित्तीय माहौल और सुरक्षित हो सके।
ट्राई के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 1600 नंबर की सीरीज दूरसंचार विभाग द्वारा बीएफएसआई क्षेत्र को आवंटित की गई है। इससे लोग वित्तीय संस्थाओं से सटीक और विश्वसनीय कॉल्स प्राप्त कर सकेंगे।
निर्देशों में कहा गया है कि सभी म्यूचुअल फंड्स और एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को 15 फरवरी, 2026 तक 1600 नंबरिंग सीरीज को अपनाना अनिवार्य है।
इसके अतिरिक्त, क्वालिफाइड स्टॉकब्रोकर्स को 15 मार्च, 2026 तक इस सीरीज को अपनाना होगा।
निर्देश में कहा गया है कि वर्तमान में अन्य सेबी-पंजीकृत मध्यस्थ अपने पंजीकरण विवरणों के सत्यापन के बाद स्वेच्छा से 1600 सीरीज में स्थानांतरित हो सकते हैं।
सभी वाणिज्यिक बैंकों (सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों सहित) को 1 जनवरी, 2026 तक 1600 सीरीज अपनानी होगी।
5,000 करोड़ रुपए से अधिक की एसेट वैल्यू वाली बड़ी एनबीएफसी, पेमेंट्स बैंक और स्मॉल फाइनेंस बैंकों को 1 फरवरी, 2026 तक इसमें शामिल होना होगा, जबकि अन्य एनबीएफसी, सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और छोटी संस्थाएं 1 मार्च, 2026 तक इसमें शामिल होनी चाहिए।
केंद्रीय रिकॉर्ड रखने वाली एजेंसियां और पेंशन फंड मैनेजर्स को भी 15 फरवरी, 2026 तक इसमें शामिल होना होगा।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इंश्योरेंस क्षेत्र के लिए 1600 नंबरिंग को अपनाने की तारीख को जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा, क्योंकि इसके लिए आईआरडीएआई के साथ बातचीत जारी है।