क्या 25 जून को भारत ने वेस्टइंडीज को हराकर पहली बार विश्व चैंपियन बनने का इतिहास रचा?

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क्या 25 जून को भारत ने वेस्टइंडीज को हराकर पहली बार विश्व चैंपियन बनने का इतिहास रचा?

सारांश

25 जून 1983 को भारतीय क्रिकेट ने एक अद्वितीय इतिहास रचते हुए विश्व कप जीता, जब उन्होंने वेस्टइंडीज को हराया। इस जीत ने न केवल भारतीय क्रिकेट को नई दिशा दी, बल्कि लाखों युवाओं को इस खेल की ओर आकर्षित किया। जानिए इस ऐतिहासिक जीत की कहानी और इसके पीछे की मेहनत।

Key Takeaways

  • 1983 में भारत ने पहली बार विश्व कप जीता।
  • यह जीत भारतीय क्रिकेट के लिए एक मोड़ साबित हुई।
  • कपिल देव की कप्तानी में टीम ने जीत हासिल की।
  • भारतीय गेंदबाजों ने असाधारण प्रदर्शन किया।
  • यह जीत युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी।

नई दिल्ली, 24 जून (राष्ट्र प्रेस)। क्रिकेट भारत में सबसे अधिक खेला और देखा जाने वाला खेल है। भारत के 10 में से 8 युवा अगर खेल में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो उनकी प्राथमिकता क्रिकेट है। लेकिन ऐसी स्थिति 1983 से पहले नहीं थी। यह वर्ष भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ, जिसने न केवल इसे वैश्विक स्तर पर स्थापित किया, बल्कि इस खेल को हर गांव के बच्चों तक पहुंचा दिया। 25 जून 1932 को अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाली भारतीय टीम ने 51 वर्षों के बाद विश्व चैंपियन वेस्टइंडीज को हराकर 1983 का विश्व कप जीता। आज भारतीय क्रिकेट की जो स्थिति है, उसमें उस फाइनल में मिली जीत का महत्वपूर्ण योगदान है। सचिन तेंदुलकर जैसे महान क्रिकेटर भी इसी जीत से प्रेरित होकर खेल में आए।

1983 में भारतीय टीम को वैश्विक स्तर पर कमजोर माना जाता था। कपिल देव की कप्तानी में यह टीम एक 'अंडरडॉग' की तरह विश्व कप में गई थी। किसी ने भी नहीं सोचा था कि भारतीय टीम विजेता बनेगी, यहां तक कि खुद भारतीय टीम को भी ऐसा विश्वास नहीं था। लेकिन जब अपेक्षाएँ कम होती हैं, तो वही इतिहास बनाता है।

1983 वनडे विश्व कप में 60 ओवरों का खेला गया था। फाइनल में भारत और वेस्टइंडीज का सामना हुआ। वेस्टइंडीज ने पिछले दो विश्व कप जीत रखे थे, इसलिए भारत के लिए यह मुकाबला आसान नहीं था।

वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का निर्णय लिया। पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम 54.4 ओवर में 183 रन पर आउट हो गई। सलामी बल्लेबाज के. श्रीकांत ने सबसे ज्यादा 38 रन बनाए। संदीप पाटिल ने 27 और मोहिंदर अमरनाथ ने 26 रन बनाए। वेस्टइंडीज के लिए एंडी रॉबर्ट्स ने 3, मैल्कम मार्शल, माइकल होल्डिंग और लैरी गोम्स ने क्रमशः 2-2 विकेट लिए। जोएल गार्नर ने एक विकेट लिया।

184 रन का लक्ष्य वेस्टइंडीज के लिए आसान नहीं था। लेकिन भारतीय गेंदबाज उस दिन इतिहास रचने के इरादे से उतरे थे। मदन लाल, मोहिंदर अमरनाथ ने 3-3, बलविंदर संधू के 2 और कपिल देवरोजर बिन्नी के 1-1 विकेट से भारत ने वेस्टइंडीज को 52 ओवर में 140 रन पर समेट दिया। विवियन रिचर्ड्स ने सबसे ज्यादा 33 रन बनाए।

भारतीय टीम की इस ऐतिहासिक जीत ने भारत में क्रिकेट को पूरी तरह बदल दिया। यह जीत हार न मानने और किसी भी स्थिति से जीतने की प्रेरणा बन गई है।

Point of View

बल्कि भारतीय युवाओं के लिए खेल में करियर बनाने का मार्ग प्रशस्त किया। हमें अपने खिलाड़ियों पर गर्व है और हमें यह याद रखना चाहिए कि कठिनाइयों के बावजूद सफलता पाने का साहस रखना चाहिए।
NationPress
24/06/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय टीम ने 1983 में विश्व कप कब जीता?
भारतीय टीम ने 25 जून 1983 को विश्व कप जीता।
1983 का विश्व कप किसने जीता?
1983 का विश्व कप भारतीय टीम ने जीता।
किस कप्तान ने भारत को 1983 में विश्व कप जिताया?
कपिल देव ने भारतीय टीम की कप्तानी की थी।
भारतीय टीम का स्कोर फाइनल में क्या था?
भारतीय टीम ने फाइनल में 183 रन बनाए।
वेस्टइंडीज को भारत ने कितने रन से हराया?
भारत ने वेस्टइंडीज को 43 रन से हराया।