क्या एआईएफएफ ने हेड कोच मनोलो मार्केज से नाता तोड़ा?

सारांश
Key Takeaways
- मनोलो मार्केज का कार्यकाल समाप्त हुआ।
- भारतीय टीम की फीफा रैंकिंग 127 है।
- नए कोच के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे।
- भारतीय खिलाड़ियों के लिए खेल का समय बढ़ाने का प्रयास।
- एशियाई खेलों के लिए तैयारी भी जारी।
नई दिल्ली, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ ने राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच मनोलो मार्केज के साथ आपसी सहमति से अलगाव का निर्णय लिया है। उनके कार्यकाल में भारतीय टीम का प्रदर्शन लगातार निराशाजनक रहा है और टीम की फीफा रैंकिंग 127वें स्थान पर है।
एआईएफएफ की कार्यकारी समिति ने बुधवार को बैठक में मनोलो मार्केज के अनुबंध को समाप्त करने का निर्णय लिया। एआईएफएफ के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने पहले ही कहा था कि बैठक में मार्केज के कार्यकाल की समीक्षा की जाएगी।
पूर्व भारतीय कप्तान आई.एम. विजयन की अध्यक्षता में एआईएफएफ तकनीकी समिति (टीसी) ने 1 जुलाई 2025 को कार्यकारी समिति को सिफारिश की कि एक खुली आवेदन प्रक्रिया के जरिए सीनियर पुरुष राष्ट्रीय टीम के लिए नया मुख्य कोच नियुक्त किया जाए।
एआईएफएफ ने बयान में कहा, "सदस्यों ने सामूहिक रूप से मुख्य कोच मनोलो मार्केज के अनुबंध को आपसी सहमति से समाप्त करने का निर्णय लिया है। इस पद के लिए आवेदन आमंत्रित करते हुए एक नया विज्ञापन जारी किया जाएगा।"
भारतीय फुटबॉल टीम का प्रदर्शन हाल के महीनों में खराब रहा है। एएफसी एशियाई कप क्वालीफायर में भारत की खराब शुरुआत के बाद कोच की भूमिका पर सवाल उठने लगे। बांग्लादेश के खिलाफ ड्रॉ खेलने के बाद, टीम को हांगकांग के खिलाफ 0-1 से हार का सामना करना पड़ा।
2024 में हेड कोच रहे इगोर स्टिमैक ने अपने पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद एआईएफएफ ने स्पेन के मनोलो मार्केज को हेड कोच के रूप में नियुक्त किया। मार्केज के नेतृत्व में भारतीय टीम ने आठ मैच खेले, जिनमें से केवल एक मैच में जीत हासिल की, जो कि मालदीव के खिलाफ दोस्ताना मैच में थी।
मनोलो मार्केज पहले हैदराबाद एफसी के कोच थे और उन्होंने 2022 में इंडियन सुपर लीग का खिताब जीता था। उनके कार्यकाल में, उन्होंने 74 मैचों में 37 जीत और 21 ड्रॉ के साथ अच्छा प्रदर्शन किया। इसके बाद वह एफसी गोवा के कोच बने और उन्हें सुपर कप खिताब दिलाया।
कार्यकारी समिति ने यह भी प्रस्तावित किया कि दोनों लीगों में विदेशी खिलाड़ियों की संख्या में कमी की जाए ताकि भारतीय खिलाड़ियों, विशेषकर स्ट्राइकरों के लिए मैच का समय बढ़ सके। इसके अलावा, एशियाई खेलों की तैयारी के तहत आई-लीग में अंडर-23 राष्ट्रीय टीम के संभावित खिलाड़ियों को मौका दिया जाएगा।