क्या बस्तर को नक्सलवाद से मुक्त करके इसे देश का सबसे विकसित आदिवासी क्षेत्र बनाएंगे अमित शाह?
सारांश
Key Takeaways
- नक्सलवाद से मुक्ति का संकल्प
- बस्तर के विकास के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता
- बस्तर ओलंपिक का महत्व
- आदिवासी संस्कृति का संरक्षण
- युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत
नई दिल्ली, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में आयोजित संभाग स्तरीय बस्तर ओलंपिक के समापन समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने बस्तर के विकास और नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को पुनः व्यक्त किया।
अमित शाह ने कहा कि नक्सलवादियों ने कई वर्षों तक बस्तर के विकास में रुकावट डाली है। उन्होंने सड़क, बिजली, पानी और अन्य बुनियादी सेवाओं में बाधा डालकर इस क्षेत्र को पिछड़ा बना दिया, लेकिन अब परिस्थितियाँ बदल रही हैं और सरकार पूरी ताकत से विकास की दिशा में अग्रसर है।
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि 31 मार्च 2026 तक देश को पूरी तरह से नक्सलवाद से मुक्त किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि आने वाले पांच वर्षों में बस्तर को देश का सबसे विकसित आदिवासी क्षेत्र बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बस्तर के हर घर तक बिजली पहुंचेगी, सभी घरों में पानी की सुविधा होगी और लोगों को एक बेहतर जीवन मिलेगा। साथ ही, बस्तर की समृद्ध और सुंदर आदिवासी संस्कृति को संरक्षित किया जाएगा, ताकि विकास के साथ बस्तर अपनी पहचान को और मजबूत बना सके।
यह बस्तर ओलंपिक का दूसरा आयोजन है। इस बार इन खेलों में 761 खिलाड़ी शामिल हुए हैं, जो या तो नक्सल हिंसा से प्रभावित रहे हैं या फिर मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान किया जा रहा है और इसे बस्तर क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है।
शुक्रवार को बस्तर ओलंपिक 2025 की संभाग स्तरीय प्रतियोगिता की शुरुआत हुई थी। ओलंपिक मेडलिस्ट एमसी मैरीकॉम भी इस अवसर पर मौजूद रहीं। महिला बॉक्सिंग चैंपियन ने कहा कि सरकार की यह पहल यहां के युवाओं को प्रेरित करेगी। यह मंच उनके कौशल को निखारने में मदद करेगा और भविष्य में ये खिलाड़ी अपने राज्य और देश का नाम रोशन करेंगे।